एनएचपीसी, भारत की अग्रणी जलविद्युत कंपनी, जिसने सौर ऊर्जा व्यवसाय को शामिल करते हुए अपने पोर्टफोलियो में विविधीकरण किया है, ने इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) कॉर्पस फ़ंड में पहली किश्त के रूप में एक करोड़ रूपए की राशि का योगदान दिया है।
एनएचपीसी आईएसए का कॉर्पोरेट सदस्य बनने का विचार कर रहा है ताकि उसकी सदस्यता का लाभ प्राप्त कर सके। एनएचपीसी की सदस्यता से आधारभूत ढांचा संबंधी परियोजानाओं में पूंजी लगाने के लिए सिंडिकेट/ कंसोर्टियम के रूप में विश्व बैंक, एडीबी, एआईआईबी, ईआईबी, ईबीआरडी, एएफडीबी, एनडीबी, और जीसीएफ (आईएसए के वित्तीय साझेदार) के साथ सहयोग के अवसर उत्पन्न होंगे। एनएचपीसी की पहुँच कम लागत वाले सोलर बॉन्ड कोष तक भी होगी जो आईएसए के नॉलेज पार्टनर जैसे लंदन स्टॉक एक्सचेंज आदि, जो आईएसए के उप-मुख्य पार्टनर हैं, द्वारा जुटाया जाएगा। सदस्यता से एनएचपीसी को आईएसए सदस्य देशों के नए बाजारों में नए फ़िनान्सिंग के अवसर प्राप्त होंगे और सदस्य देशों के बाजारों में इसके प्रवेश को आईएसए सुगम बनाएगा।
आईएसए के कॉर्पोरेट सदस्य बनने से, निकट भविष्य में अन्य देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए एनएचपीसी के लिए मार्ग प्रशस्त होगा। एनएचपीसी “आईएसए कॉरपोरेट पार्टनर्स के वार्षिक कॉन्क्लेव” में भी शामिल होगी और उसे आईएसए की नीतियों, कार्यक्रमों, गतिविधियों और कार्यकलापों में भागीदारी करने का अवसर मिलेगा, जिससे इसे अपनी नीतियों को आगे बढ़ाने अथवा पूर्ण करने अथवा साथ मिलाने का अवसर भी मिलेगा ।
श्री आर.के. जायसवाल, कार्यपालक निदेशक (नवीकरणीय ऊर्जा), एनएचपीसी ने इस राशि के योगदान की बैंक एडवाइस 10 जून, 2020 को नई दिल्ली में श्री उपेंद्र त्रिपाठी, आईएएस, महानिदेशक, इंटरनेशनल सोलर एलायेंस को सौंपा। इस अवसर पर श्री हिमांशु साहा, महाप्रबंधक (नवीकरणीय ऊर्जा), एनएचपीसी और श्री के.एस. पोपली, वरिष्ठ सलाहकार, आईएसए भी उपस्थित थे।
एनएचपीसी 100 मेगावाट की कमीशन क्षमता के साथ नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में पहले ही प्रवेश कर चुकी है और आगामी दो से तीन वर्षों में लगभग 7500 मेगावाट की नई नवीकरणीय ऊर्जा परियोजानाओं को विकसित करने के लिए तैयार है। हाल ही में, एनएचपीसी ने 2000 मेगावाट की सौर परियोजनाओं के लिए सफल ई-नीलामी का आयोजन किया है। इसमें से, एनएचपीसी ने कुल 1600 मेगावाट स्थापित क्षमता की अंतर्राज्यीय पारेषण प्रणाली (आईएसटीएस) ग्रिड से जुड़ी फोटोवोल्टिक परियोजनाओं के लिए सौर ऊर्जा डेवलपरों को लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) दे दिए हैं।
एनएचपीसी अपनी सौर यात्रा के 4000 मेगावाट से अधिक के लक्ष्य को पूरा करने के लिए तेलंगाना, ओडिशा, राजस्थान और लेह जैसे राज्यों तथा संघ शासित क्षेत्रों के साथ अग्रिम वार्ता में है। एनएचपीसी तदनुसार सौर ऊर्जा के साथ मिश्रित जलविद्युत परियोजनाएं, पम्पिंग मोड में सौर ऊर्जा के साथ सुदूर क्षेत्रों में पम्पड स्टोरेज परियोजनाओं और फ्लोटिंग सौर परियोजना जैसे विभिन्न वाणिज्यिक व्यवहार्य मॉडलो में अनेक नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को विकसित करने की व्यवहार्यता तलाश रही है । एनएचपीसी ने योजना बनाई है कि वर्ष 2025 तक 5000 मेगावाट की जलविद्युत क्षमता वृद्धि के अतिरिक्त एमएनआरई के विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत 10000 मेगावाट सौर ऊर्जा की परियोजनाएं अपनी क्षमता में जोड़ेगी ।