HomePublic Issueकिसी के पास बहुत कुछ तो किसी के पास जानवर की ममता...

किसी के पास बहुत कुछ तो किसी के पास जानवर की ममता का सहारा।

Published on

बचपन से ही हम, दादी , नानी , मम्मी, चाची सबसे सुनते हुए आते हैं कि दुनिया में दो प्रकार के लोग होते हैं, एक वह जिनके पास इतना सबकुछ होता है जो वह संभाल भी नहीं पाते और एक वह जिनके पास संभालने को तो दूर रखने तक को कुछ नहीं होता, खाने तक कुछ नहीं होता, उनका जीवन कब समाप्त होता है कब शुरू पता तक नहीं चलता।

भगवान के घर पर देर है अंधेर नहीं यह तो सभी ने सुना ही होगा परंतु ऐसे लोग जिनके जीवन में रहने को घर नहीं, खाने को रोटी नहीं, पढ़ने को पैसे नहीं और कहने को परिवार नहीं उनके उपर खुदा का कहर और अंधेर तब और अधिक बढ़ जाता है, जब उनकी संतान शारीरिक रूप से अक्षम पैदा हो।

किसी के पास बहुत कुछ तो किसी के पास जानवर की ममता का सहारा।

कहा जाता है इंसान को अपने कर्मो के फल इसी जीवन में बिताने होते हैं, किंतु एक बात समझ में नहीं आती जो नवजात शिशु अंधे, शारीरिक रूप से अक्षम पैदा होते हैं उन्होंने क्या कर्म करदिये होते हैं कि दुनिया में आते ही, वह अध मरे के सामान जीवन बिताते हैं, अभी तो अच्छे से वह आँखे भी नहीं खोल पाते माता और पिता तक को नहीं जान पाते।

किसी के पास बहुत कुछ तो किसी के पास जानवर की ममता का सहारा।
Image Creator: Brett Cole Copyright: © Brett Cole

बस दुनिया में आते ही अपनी आवाज़ ज़रूर सुना देते हैं रोकर क्या यही उनके कर्म होते हैं, जो वह इस कदर अध मरे के सामान पैदा होते हैं ? उन बच्चों पर ईश्वर का कहर यहीं नहीं थमता कहर तो तब और बढ़ जाता है। जब खुदा उनसे उनके माता और पिता भी छीन लेता है और उन बेसहारा बच्चों को मजबूर करता है, लोगों से दो वक़्त का खाने मांगने को, सड़क पर सोने को।

किसी के पास बहुत कुछ तो किसी के पास जानवर की ममता का सहारा।
किसी के पास बहुत कुछ तो किसी के पास जानवर की ममता का सहारा।

एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई है जो नास्तिक को भी मजबूर करदे खुदा से दुआ करने को उन बच्चोँ के लिए, जिनकी ममता का सहारा उनकी मां नहीं बल्कि एक जानवर है, जिसको वह मां समझ के गले लगाकर रात को सोता है सड़क किनारे।

भले ही भारत में एक परिवार ने दशको राज किया हो परंतु हर सरकार का यह धर्म और कर्म होना चाहिए कि जो लोग बेसहारा हैं, उनके लिए कुछ काम किये जाएं । प्रधानमंत्री , मुख्यमंत्री , सांसद , विधायक , पार्षद यह लोग ही भारत में राज करते आए हैं।

किसी के पास बहुत कुछ तो किसी के पास जानवर की ममता का सहारा।

काम किसी ने नहीं किया विधायक हो या सांसद शहर में निर्माण करेंगे काम करेंगे यह सब कहकर पैसा तो खूब लूट लेते हैं परंतु शहर तो निर्माण नहीं होता उनके घर ज़रूर निर्माण हो जाते हैं, शहर में काम तो नहीं होता।

यह लोग कुछ करें इसी आस में और इंतज़ार में बहुत से लोग स्वर्ग ज़रूर सिधार जाते हैं। सरकार को बेसहारा लोगो के लिए जल्द से जल्द कुछ लाभदायक करना चाहिए।

लेखक – ओम सेठी

Latest articles

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...

पुलिस का दुरूपयोग कर रही है भाजपा सरकार-विधायक नीरज शर्मा

आज दिनांक 26 फरवरी को एनआईटी फरीदाबाद से विधायक नीरज शर्मा ने बहादुरगढ में...

More like this

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती – रेणु भाटिया (हरियाणा महिला आयोग की Chairperson)

मैं किसी बेटी का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसके लिए मैं कुछ भी...

नृत्य मेरे लिए पूजा के योग्य है: कशीना

एक शिक्षक के रूप में होने और MRIS 14( मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर...

महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस पर रक्तदान कर बनें पुण्य के भागी : भारत अरोड़ा

श्री महारानी वैष्णव देवी मंदिर संस्थान द्वारा महारानी की प्राण प्रतिष्ठा दिवस के...