यदि किसी व्यक्ति में कुछ करने का जुनून है तो वह जुनून ही उसे बाकी सब से अलग बनाता है। ऐसा ही जुनूनियत से भरा एक काम जिले की बिटिया कीर्ति ने कर दिखाया है।
कीर्ति ने गुजरात न्यायिक सेवा की परीक्षा में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। परीक्षा में कुल 59 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं और इसमें कीर्ति ने पहला स्थान हासिल किया है।
कीर्ति बताती है कि वह लगातार अपने प्रयासों में लगी हुई थी परंतु गुजराती भाषा का ज्ञान ना होना उनके लिए मुश्किल उत्पन्न कर रहा था परंतु कुछ करने की इच्छा ने तथा न्यायाधीश बनने की जिद ने कीर्ति को गुजराती बोलना और लिखना भी सिखा दिया। कीर्ति ने न्यायिक सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण करके ही दम लिया। कीर्ति गुजरात न्यायिक सेवा की परीक्षा 3 वर्षों से दे रही थी।
परीक्षा में बाकी सभी विषयों में उत्तीर्ण भी हो रही थी लेकिन गुजराती नहीं आने के चलते 50 नंबर का गुजराती भाषा का पेपर क्लियर नहीं हो पा रहा था। इसके बाद कीर्ति ने 8 महीने अहमदाबाद में रहकर गुजराती पढ़ना में लिखना सिखा। अब वह अच्छी गुजराती बोल कर लिख लेती हैं।
कीर्ति पूर्व उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनूप कुमार और नेहरू कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संतोष कुमार की बेटी है। कीर्ति ने इंजीनियरिंग की हुई है और एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में अच्छे पद पर कार्यरत थी। किसी रिश्तेदार के कहने पर उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़ाई शुरू की।
नौकरी और पढ़ाई दोनों अच्छी रही थी लेकिन वकालत में रुचि बढ़ने के साथ ही नौकरी छोड़ दी और पढ़ाई को पूरा समय देने लगी। पढ़ाई को पूरा समय देना कीर्ति के लिए वरदान साबित हुआ। कीर्ति की न्यायाधीश बनने की जिद उसे पूरे देश में पहले स्थान पर ले आई।