कई नाम ऐसे होते हैं जी भूले नहीं भुलते हैं। उनके काम और नाम का एक अलग ही ठिकाना होता है। उन्हीं में एक नाम ऐसा है अल्ताफ राजा। संगीत की दुनिया में ऐसे तो बहुत से दिग्गज गायक हुए हैं लेकिन कई सिंगर ऐसे भी रहे हैं जो रातों रात स्टार तो बन गये मगर उसके बाद उन्हें फिर कभी वैसी सफलता नहीं मिली जिससे उनका करियर आगे बढ़ पाता। 90 के में एक ऐसा ही गायक जिसके पहले एल्बम ने रिलीज होते ही सफलता के तमाम नये-नये कीर्तिमान बना डाले।
बॉलीवुड की दुनिया बहुत ही अनसुलझी है। कभी सितारों की तरह पूजती है तो कभी पहचानती भी नहीं है। अल्ताफ की शुरूआत एक एल्बम के जरिये हुई लेकिन वो आते ही संगीतप्रेमियों के दिलों पर छा गया। साल 1997 में रिलीज हुआ एल्बम, तुम तो ठहरे परदेसी, ऐसा हिट हुआ कि इसने हर किसी को अपना दीवाना बना लिया था।
जैसा बाहर से दिखाई देता है वैसा अंदर से नहीं होता है। यही सच्चाई है बॉलीवुड की। इस एल्बम के गानों ने अल्ताफ को रातों-रात सफलता के ऐसे आसमान पर बैठा दिया जहां पर पहुंचने की ख्वाहिश हर किसी गायक की होती है। हर तरफ इस एल्बम की चर्चा इतनी आम थी कि सबसे अधिक कैसेट बिकने का रिकॉर्ड तक इस एल्बम के नाम रहा लेकिन इसे भी किस्मत ही कहा जाएगा कि संगीत की दुनिया का ये सुपर स्टार देखते ही देखते गायब हो गया।
यह दुनिया बेहद अनोखी हैं जहां चमचमाते सितारे कब गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं किसी को पता नहीं चलता है। उनके बीच-बीच में कुछ एल्बम आते रहे लेकिन ये अल्ताफ की सफलता को दोहराने में नाकामयाब साबित हुए। अल्ताफ के एल्बम, तुम तो ठहरे परदेसी की लगभग 4 मिलियन कैसेट बिके थे लेकिन इसके बाद अल्ताफ नाम का ये सूरज इस तरह से डूबता चला गया कि फिर कभी चमक नहीं सका।
आज भी उनके लाखों प्रशंसक हैं। उनके गानों को आज भी बेहद पसंद किया जाता है।