पेट्रोल डीजल के दामों में आ सकती है कमी, कच्चे तेल की कीमतों में आई है इतनी गिरावट

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दिन प्रतिदिन बढ़ते पेट्रोल डीजल के दामों ने जहां एक तरफ आम आदमी की कमर तोड़ रखी है वही अब जल्द ही पेट्रोल डीजल के दाम केंद्र सरकार और आम ग्राहक दोनों के लिए राहत भरी खबर लाने वाले हैं।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल की कीमतों ने गोता लगाया है। पिछले 8 दिनों में कच्चे तेल की कीमतें 77.60 डॉलर प्रति बैरल से घटकर 68.40 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई है।

पेट्रोल डीजल के दामों में आ सकती है कमी, कच्चे तेल की कीमतों में आई है इतनी गिरावट

यह पिछले 10 महीनों में कच्चे तेल के दाम में सबसे बड़ी गिरावट है। इसकी वजह से देश की सरकारी तेल कंपनियां भी जल्द ही पेट्रोल व डीजल की खुदरा कीमतों में कमी करेंगी। अगर पिछले आठ दिनों में क्रूड के दाम में हुई सिर्फ 8.20 डालर की गिरावट के आधार पर ही आकलन करें तो भी पेट्रोल की खुदरा कीमत में चार रुपये प्रति लीटर और डीजल में पांच रुपये प्रति लीटर की कटौती की सूरत बन रही है।

सरकार को दूसरी राहत यह होगी कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के सस्ता होने से घरेलू बाजार में पेट्रोल व डीजल की कीमतें स्वत: नीचे आएंगी और सरकार के राजस्व संग्रह पर कोई असर नहीं होगा। केंद्र और राज्य सरकारों के लिए राजस्व संग्रह का सबसे बड़ा जरिया पेट्रोलियम उत्पाद ही हैं।

पेट्रोल डीजल के दामों में आ सकती है कमी, कच्चे तेल की कीमतों में आई है इतनी गिरावट

आम ग्राहक पेट्रोल और डीजल का जितना खुदरा मूल्य चुकाता है, उसमें 60 फीसद हिस्सा केंद्र व राज्य के खजाने में चला जाता है। सरकार को एक और फायदा यह होगा कि महंगाई दर को नीचे लाने में मदद मिलेगी।



बहरहाल, पिछले हफ्तेभर में क्रूड की कीमतों में गिरावट के दो प्रमुख कारण हैं। पहला, तेल उत्पादक देशों संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के बीच विवाद खत्म होने से वैश्विक स्तर पर क्रूड उत्पादन में चार लाख बैरल प्रति दिन की बढ़ोतरी की गई है।

पेट्रोल डीजल के दामों में आ सकती है कमी, कच्चे तेल की कीमतों में आई है इतनी गिरावट

दूसरी वजह यह है कि कई देशों में कोरोना की बिगड़ी स्थिति के बीच लाकडाउन लगाए गए हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय कारोबारी समुदाय में निराशा है कि रोजगार के पटरी पर आने में अभी वक्त लगेगा।