प्रेमिका के 18 साल होने का कर रहा था इंतजार,सुबह होते ही पहुंचा प्रेमिका के घर और किया यह काम

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जब भी हम लव स्टोरी की बात करते हैं तो हमारे दिमाग में रोमियो जूलिएट, हीर रांझा ही आते है, लेकिन हम आज की एक ऐसी प्रेम कहानी बताने जा रहे हैं जीसे पढ़ कर आप लोग भी आश्चर्यचकित रह जाएंगे।

हम बात कर रहे हैं माल थानाक्षेत्र के भगवंतखेड़ा गांव निवासी सुमित यादव और रितिका की बचपन से ही दोस्ती थी। इन दोनों के बीच प्यार कब हुआ यह इसके बारे में कोई बता नहीं पा रहा हैं।

प्रेमिका के 18 साल होने का कर रहा था इंतजार,सुबह होते ही पहुंचा प्रेमिका के घर और किया यह काम

आपको बता दे कि सुमित 8वी पास है और रितिका 9वी। इन दोनों के प्रेम प्रसंग की खबर जब रितिका की परिजनों को लगी तो वस लोग इस रिश्ते के खिलाफ हो गए। परिजनों के विरोध को देखकर दोनो ने घर से भागने का फैसला किया और 19 अप्रैल की रात को घर से निकल गए।

घर से निकल कर दोनों अलीगंज पंहुचे, जहां दोनों ने अलीगंज के आर्य समाज मंदिर में आधारकार्ड में दर्ज जन्मतिथि के आधार पर रितिका को बालिग बताया। आधारकार्ड दिखाने के बाद आर्य समाज मंदिर के प्रमुख पुजारी ने दोनों की शादी करवा दी और इसका प्रमाण पत्र भी दे दिया।

प्रेमिका के 18 साल होने का कर रहा था इंतजार,सुबह होते ही पहुंचा प्रेमिका के घर और किया यह काम

आर्य समाज मंदिर की शादी पर रितिका के परिजनों ने विरोध किया और इस संबंध में माल थाने में मुकदमा दर्ज करा दिया। जहां अस्पताल द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी।

अस्तपताल द्वारा जारी प्रमाण पत्र के अनुसार रितिका नाबालिग थी, जिसकी वजह से पुलिस ने सुमित को जेल में डाल दिया। 24 अप्रैल से उसे 81 दिनों तक जेल में रहना पड़ा। लेकिन जेल में रहने की बाद भी दोनों के प्यार में कोई कमी नही आई।

प्रेमिका के 18 साल होने का कर रहा था इंतजार,सुबह होते ही पहुंचा प्रेमिका के घर और किया यह काम

जेल से छूटने के बाद युवक ने लड़की के बालिग होने का इंतजार किया और उसके बालिग होते ही उसके घर पहुंच गया। उनकी फिर से शादी पर उनके परिजनों ने आपत्ति जताई तो माल थाने की पुलिस और आशा केंद्र की टीम वहां पहुचीं और दोनों के सहमति से आखिरकार उन दोनों की शादी कराने का फैसला लिया गया।