घर से लापता हुए बच्चों को ढूंढने में फरीदाबाद पुलिस भरसक प्रयास कर रही है। आए रोज कोई ना कोई बच्चा घर से लापता हो जाता है और फरीदाबाद पुलिस कड़ी मशक्कत के साथ बच्चों को ढूंढकर उनके परिजनों के हवाले करती है।
बच्चा अगर माता-पिता से एक दिन भी दूर हो जाए तो उनका खाना पीना हराम हो जाता है। माता-पिता ढंग से सो भी नहीं पाते उन्हें हर वक्त अपने बच्चों की चिंता सताती रहती है।
सोचिए क्या हो अगर किसी का बेटा 7 वर्ष से लापता हो और दर-दर की ठोकरें खाने के पश्चात भी उन्हें अपने बेटे की कोई खबर ना मिले। इसके बारे में सोचकर एक बार तो हर किसी का मन ठिठुर जाता है।
इसी तरह एक बच्चा 7 वर्ष पहले लापता हो गया था जिसकी तलाश में उसके माता-पिता ने जमीन आसमान एक कर दिया परंतु उन्हें उसकी कोई खबर नहीं मिली।
उन्होंने अपने बच्चे को वापस पाने की आस भी छोड़ दी थी कि फरीदाबाद पुलिस में तैनात हवलदार विकास की सतर्कता और सूझबूझ के चलते माता पिता अपने बच्चे को वापस पाने में कामयाब हो पाए।
घटना वर्ष 2014 के फरवरी माह की है जब बच्चे के पिता ने थाना मुजेसर में आकर सूचना दी उसका 12 वर्षीय लड़का घर से लापता हो गया। उसने हर जगह अपने बेटे को तलाश करने की कोशिश की परंतु हर जगह उसे असफलता ही हाथ लगी।
लड़के के पिता की शिकायत पर गुमशुदगी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके बच्चे की तलाश शुरू की गई। पुलिस ने भी बच्चे को ढूंढने का भरसक प्रयास किया।
उसकी फोटो लेकर आसपास के क्षेत्र में पूछताछ की गई परंतु पुलिस को भी कुछ हाथ नहीं लगा। पुलिस अपनी कार्यवाही में जुटी हुई थी। बच्चे के नाम के उस समय इश्तिहार भी निकाले गए ताकि किसी भी प्रकार से बच्चे की कोई सूचना उन्हें मिल जाए।
बच्चे की तलाश में 7 वर्ष का समय बीत गया परंतु अभी तक बच्चे की कोई जानकारी पुलिस को प्राप्त नहीं हुई। अभी अचानक उसी बच्चे की पुरानी फोटो के साथ एक वीडियो फेसबुक पर वायरल हो रही थी जिसे बच्चे की तलाश कर रहे अनुसंधान अधिकारी हवलदार विकास ने देख लिया।
हवलदार विकास ने वीडियो को ध्यान से देखा और उसे संदेह हुआ कि यह वही बच्चा है जिसकी वह तलाश कर रहे थे। विकास ने वीडियो में फोटो देख गुमशुदा हुए बच्चे की फोटो अपने पास मौजूद फोटो से मिलाई तो फोटो मिलती हुई प्रतीत हुई। हवलदार ने इसकी सूचना तुरंत उच्च अधिकारियों को दी।
थाना प्रबंधक ने तुरंत एक स्पेशल टीम गठित कर मामले की जांच के आदेश दिए जो आदेश पर पुलिस टीम बच्चे की जानकारी प्राप्त करने के लिए नोएडा रवाना हो गई।
वहां पर पूछताछ करने पर पता चला कि बच्चा नोएडा में किसी चतर सिंह व्यक्ति के पास रहता है। पुलिस टीम ने उक्त व्यक्ति के घर जाकर बच्चे का पता किया। बच्चा वहां दुरुस्त हालत में मिला।
पुलिस टीम के साथ गए बच्चे के परिजनों व बच्चे ने एक दूसरे को पहचान लिया और बच्चा अपनी मां से लिपट कर रोने लगा। पूछताछ में बच्चे ने बताया कि वह घर से निकल आया था जो यमुना नदी पार करने पर कुत्ते ने काट लिया था। उसकी हालत ठीक नहीं थी जो उन्हें सज्जन पुरुष चतर सिंह ने अपनी शरण दी।
उस व्यक्ति ने बच्चे को उसके माता-पिता के पास पहुंचाने की कोशिश की परंतु बच्चे को अपने घर का पता याद नहीं था। बच्चे की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए चतुर सिंह ने बच्चे को अपने घर पर रख लिया और उसका पालन पोषण करने लगा।
एक दिन नोएडा में किसी फिल्म की शूटिंग चल रही थी कि वहां पर मौजूद शूटिंग करने वाले लोगों में से किसी एक ने उस बच्चे की फोटो फेसबुक पर डाल दी जिसे हवलदार विकास ने देख लिया था।
पुलिस टीम ने चतर सिंह को सराहनीय कार्य के लिए बधाई दी। इसके पश्चात पुलिस बच्चे को अपने साथ फरीदाबाद ले आई। परिजनों ने बार-बार पुलिस टीम का तहे दिल से धन्यवाद किया और कहा की वह तो अपने बच्चे को पानी की उम्मीद ही छोड़ चुके थे परंतु फरीदाबाद पुलिस की सतर्कता की वजह से आज इतने वर्षों बाद वह अपने जिगर के टुकड़े से वापस मिल पाए हैं।
इसके लिए वह फरीदाबाद पुलिस का तहे दिल से आभारी हैं। हवलदार विकास द्वारा किए गए सराहनीय कार्य के लिए पुलिस आयुक्त श्री ओपी सिंह ने भी उनका उत्साहवर्धन करते हुए शाबाशी दी तथा इसी प्रकार नागरिकों की सहायता करने के लिए प्रोत्साहित किया।