अनुपम खेर बॉलीवुड का वो नाम है जिससे शायद ही कोई अनजान होगा, हालांकि फिल्मों में इनके हिस्से में मुख्य किरदार जैसे हीरो या विलेन के चरित्र ज्यादा नहीं आए हैं लेकिन फिर भी हर एक फिल्म में इन्होने अपने अभिनय की छाप छोड़ी हैं।
अनुपम इस फिल्मी दुनिया में कभी किसी विशेष इमेज में नहीं बंधे, और उन्होंने लगभग सभी प्रकार के किरदारों के साथ न्याय किया। उनका एक्टिंग के प्रति यही समर्पण उन्हें चरित्र अभिनेता के साथ कमर्शियल फिल्मों, हॉलीवुड की फिल्मों और सीरियल के अलावा भारतीय रंगमच पर भी श्रेष्ठ अभिनेताओं के साथ प्रथम पंक्ति में लाकर खड़ा करता है।
केवल बॉलीवुड में ही लगभग 500 से ज्यादा फ़िल्में हैं जिनमें अनुपम ने काम किया है।अनुपम हमेशा से रंगमंच पर सक्रिय रहे है, और अभी भी उनका नाटक “कुछ भी हो सकता है” पूरे भारत में बहुत ज्यादा पसंद किए जाने वाले नाटकों में से एक हैं, जिसका कि फिल्म,टेलीविजन और यू-ट्यूब जैसे मंच के होते हुए भी इतना प्रसिद्ध होना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।
इसके अलावा अनुपम निर्देशन और प्रोडक्शन का काम भी देखते हैं और अपना एक एक्टिंग स्कूल भी चलाते है। राजनीति से इनका सीधा कोई सम्बंध नहीं है फिर भी अनुपम खेर देश के एक जिम्मेदार नागरिक के समान अपने विचार खुलकर अभिव्यक्त करते रहते हैं,जो उन्हें और लाइम लाइट में ले ही आते है।
बतादें 25 मई का दिन एक्टर अनुपम खेर के लिए काफी खास है इंडस्ट्री में उन्हें अभिनय करते हुए 37 वर्ष पूरे हो गए हैं। इस अवसर पर सोशल मीडिया पर वह भवूक हो गए और खोब रोए साथ ही उन्होंने 2 वीडियोस भी साझा किएसोशल मीडिया पर इस दौरान उन्होंने अपने करियर के शुरुआती दौर के किस्से सुनाए।
अनुपम वीडियो में बता रहे हैं कि इसमें उनका निभाया हुआ किरदार सबसे बेहतरीन इसलिए है क्योंकि उस समय में बहुत स्ट्रगल कर रहा था और बहुत मुश्किल से यह काम मिला था। इस किरदार में उन्होंने पूरी जी जान लगा दी आगे अनुपम कह रहे हैं कि हर जगह मेरी बेइज्जती होना सड़कों पर घूमना, रेलवे स्टेशन पर सोना, इस सब का निचोड़ मैंने इस किरदार में डाल दिया था।
ये सब बताते हुए अनुपम खेर फूट-फूट कर रोने लगे। कहते हैं ना कि भावनाएं हर किसी के अंदर होती हैं, बस कुछ लोग उन्हें छुपा जाते हैं और कुछ लोग दिखा जाते हैं, अब भावनाओं को दिखाकर भावुक होने और करने वालों में से हैं अनुपम खेर।