अक्सर देखा जाता है कि लोग जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं। ऐसे में वो ना जाने कैसे-कैसे हथकंडे अपनाते हैं। अब ज़रा इन्हें ही देख लीजिए। बतादें मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में नकली नोट देकर ठगी करने की फिराक में घूम रहे है एक गिरोह का पर्दाफाश जिले की पुलिस ने किया है।
जिला पुलिस ने राहुल नाम के एक युवा को नकली नोट बनाने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया है। राहुल ने पूछताछ में बताया कि उसने जाली नोट यूट्यूब पर बनाना सीखा। राहुल ने इसके लिए एक कलर प्रिंटर खरीदा और 2 हजार और 5 सौ सहित अन्य नोटों के दोनों हिस्सो के कलर प्रिंट निकाल कर उन्हें काटकर चिपका दिया करता था।
इस प्रक्रिया में नकली नोट की मोटाई असली नोट के मुकाबले ज्यादा बढ़ जाती थी। राहुल कम पढ़ा लिखा था इस वजह से वह नोट पर आने वाले सीरियल नंबर पर गौर नहीं कर पाया और उसने एक ही सीरियल नंबर के कई प्रिंट निकाल लेता था। उसके पास से जब्त नोटों की गड्डियों के सीरियल नंबर एक ही मिले।
चलिए यूट्यूब से सीखकर कैसे नकली नोट बनाए, अब आपको ऐसे ही कुछ और लोगों की कहानी बताते हैं। दरअसल मामला महाराष्ट्र के नागपुर शहर का है। बतादें 2 आरोपी थे और दोनों ही आरोपी बेहद ही शातिर थे।
इसलिए यूट्यूब से नकली नोट छापने की प्रक्रिया जानने के बाद इन दोनों ने बड़े नोटों की जगह छोटे नोट छापना ज्यादा बेहतर समझा। इनको लगा की अगर ये बड़े नोट छापते हैं, तो फंस सकते हैं। इसलिए इन दोनों ने सौ-सौ और पचास-पचास रुपये के नकली नोट छापने शुरू कर दिए।
बाजार में आसानी से नकली नोट चलने पर इन्होंने तेजी से ओर पैसे छापना शुरू कर दिया। इस तरह से बाजार में 2 लाख नकली नोट सेकुर्लेट किए गए। नागपुर पुलिस ने फिलहाल इन दोनों को अरेस्ट कर लिया है और इनके खिलाफ केस दर्ज आगे की कार्रवाई की जा रही है।
अब ज़रा सोचिए, ग़लत काम क्या ज़्यादा दिन ज़्यादा लम्बा चल सकता है। ईमानदारी से किया काम आजीवन चलता है लेकिन इस तरह से 2 नम्बर से किया काम जल्द बंद होता है और इंसान को भी अपनी चपेट में लेकर करियर ख़त्म कर देता है।इसलिए यूट्यूब पर जो कुछ भी देखा जाए, उसका अगर बेजा इस्तेमाल यानी ग़लत इस्तेमाल ना हो तो कुछ भी नहीं हो सकता है।