परियोजनाओं की स्थापना के लिए किसानों की ली जाएगी सहमति, फरीदाबाद भी हुआ शामिल

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हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां हाई पावर लैंड परचेज कमेटी (एचपीएलपीसी) की बैठक हुई । बैठक में चार जिलों जींद, रोहतक, करनाल और पानीपत में चार परियोजनाओं की स्थापना के लिए किसानों की सहमति के साथ ई-भूमि के माध्यम से 29.19 एकड़ भूमि की खरीद को मंजूरी दी गई है। जिसकी लागत लगभग 15 करोड़ रुपये आएगी।


मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबंधित जिला उपायुक्तों के साथ एचपीएलपीसी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि किसानों द्वारा उनकी सहमति से दी गई भूमि खरीदने के बाद प्रस्तावित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाई जाए।

परियोजनाओं की स्थापना के लिए किसानों की ली जाएगी सहमति, फरीदाबाद भी हुआ शामिल


बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला और गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री अनिल विज भी उपस्थित रहे। इसके अलावा, संबंधित जिलों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रस्तावित सरकारी परियोजनाओं के लिए अपनी जमीन देने पर सहमति जताने वाले किसानों ने भी बैठक में हिस्सा लिया।


बैठक के बाद श्री दुष्यंत चौटाला ने मीडिया से बातचीत करते हुए परियोजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि आठ जिलों जींद, रोहतक, करनाल, गुरुग्राम, पानीपत, फरीदाबाद, सिरसा और कैथल में विभिन्न विभागों की परियोजनाओं के संबंध में भूमि खरीद से संबंधित कुल 9 एजेंडा पर चर्चा की गई।

परियोजनाओं की स्थापना के लिए किसानों की ली जाएगी सहमति, फरीदाबाद भी हुआ शामिल


उन्होंने बताया कि बैठक में सिंचाई, लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें), चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभागों के 4 एजेंडा पर मंजूरी दी गई। इनमें बरसोला गांव में नई बरसोला सब माइनर का निर्माण, रोहतक जिले के लाखन माजरा गांव में आरओबी सर्विस रोड का निर्माण

एनएच 44 से कुटैल गांव में प्रस्तावित स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय तक सड़क का निर्माण तथा करनाल शहर में मुख्य ड्रेन नंबर 1 छोटी यमुना को मेन ड्रेन नंबर 2 से जोड़ने के लिए ड्रेन का निर्माण शामिल है।


उन्होंने बताया कि बरसोला गांव में नई बरसोला सब माइनर का निर्माण के लिए 12.4 एकड़ जमीन, रोहतक जिले के लाखन माजरा गांव में आरओबी सर्विस रोड के निर्माण के लिए 3.63 एकड़, एनएच 44 से कुटैल गांव में प्रस्तावित स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय तक सड़क के निर्माण के लिए 11.25 एकड़ और करनाल शहर में मुख्य ड्रेन नंबर 1 छोटी यमुना को मेन ड्रेन नंबर 2 से जोड़ने के लिए ड्रेन के निर्माण हेतु 1.91 एकड़ भूमि की खरीद की जाएगी।