Tokyo Olympics 2020 – मीराबाई चानू ने रचा दिया इतिहास :- टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत की वेटलिफ्टर मीराबाई चानू ने इतिहास रच दिया है. उन्होंने 49 किग्रा में रजत पदक हासिल किया है. वेटलिफ्टिंग में ये दूसरी बार है जब भारत ने ओलंपिक में मेडल जीता है. इससे पहले 2000 के सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने कांस्य पदक जीता था. चानू ने क्लीन एवं जर्क में 115 किग्रा और स्नैच में 87 किग्रा से कुल 202 किग्रा वजन उठाकर रजत पदक अपने नाम किया.
वहीं, यह पहली बार है, जब भारत ने ओलंपिक के पहले दिन पदक जीता. मीराभाई वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीतने वाली पहली भारतीय हैं. स्नैच के बाद मीराबाई चानू दूसरे नंबर पर थीं.
इसके बाद क्लीन एंड जर्क के पहले प्रयास में मीराबाई चानू 110 किग्रा उठाने में कामयाब रहीं. दूसरे प्रयास में मीराबाई चानू 115 किग्रा वजन उठाने में कामयाब रही थीं. हालांकि वह तीसरे प्रयास में नाकाम रहीं और रजत पदक से संतुष्ट होना पड़ा.
इस बीच, मीराबाई चानू को पीएम मोदी ने बधाई दी है. उन्होंने ट्वीट किया कि भारत मीराबाई चानू के शानदार प्रदर्शन से उत्साहित है. वेटलिफ्टिंग में रजत पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई. उनकी सफलता हर भारतीय को प्रेरित करती है.
मीराबाई चानू ने रचा दिया इतिहास
मीराबाई के नाम अब महिला 49 किग्रा वर्ग में क्लीन एवं जर्क में विश्व रिकॉर्ड भी है. उन्होंने टोक्यो ओलंपिक से पहले अपने अपने अंतिम टूर्नामेंट एशियाई चैम्पियनशिप में 119 किग्रा का वजन उठाया और इस वर्ग में स्वर्ण और ओवरऑल वजन में कांस्य पदक जीता.
मीराबाई जब 24 जुलाई को वेटलिफ्टिंग एरेना में उतरीं, तो इस प्रदर्शन का असर उनके आत्मविश्वास पर दिखा. हाल के वर्षों में उनका क्लीन एवं जर्क में शानदार प्रदर्शन उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे ही रखता आया है
पर उनका स्नैच स्पर्धा में प्रदर्शन अक्सर परेशानी का कारण बनता रहा है. कंधे की चोट की वजह से वह स्नैच में जूझती रही हैं, जिसे वह खुद भी स्वीकार करती हैं.
मीराबाई अपनी कमजोरियों को जानती हैं और डॉ. आरोन होरशिग के साथ इन पर काम कर रही हैं, जो पूर्व वेटलिफ्टर से फिजियो थेरेपिस्ट और स्ट्रेंथ एवं कंडिशिनंग कोच बने और इसका नतीजा सबके सामने है.