वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जमीन अधिग्रहण फ्रॉड में एसआईटी ने कानूनगो सुरेश को गिरफ्तार कर अदालत से 1 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। उस पर दो जगह उसे वेतन लेने और परियोजना स्थल में आ रही 30 गज जमीन खरीदने का आरोप है।
एसपी दीपक गहलावत ने बताया कि 8 कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले में तत्कालीन एसडीएम कंवर सिंह सस्पेंड हो चुके हैं जबकि दो एसडीएम और चार तहसीलदारों को नोटिस जारी हो चुके हैं।
दरअसल, सुरेश ने करीब ढाई लाख रुपए अलग-अलग विभागों से सैलरी के तौर पर लिए हैं। रेलवे नियमों का लाभ उठाने के लिए अपने परिजन व रिश्तेदारों के नाम पर जमीन खरीदी।
उसमें से 30 गज जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम कराई। इस जमीन को दो हिस्सों में बेच दिया। करीब 15 गज को 40 व्यक्तियों और 6 वर्ग गज जमीन को 30 आदमियों के नाम रजिस्ट्री करा दी।
पुलिस रिमांड पर हुए कई खुलासे
फ्रेट कॉरिडोर मामले में गिरफ्तार सुरेश कुमार कानूनगो ने पुलिस रिमांड के दौरान कई खुलासे किए हैं। सूत्रों के अनुसार जमीन अधिग्रहण पेपर फ्रॉड के साथ-साथ मुआवजा घोटाला भी हुआ है। घोटाले की राशि 100 करोड रुपए तक हो सकती है।
आरोपित से पुलिस ने अलग-अलग प्रोजेक्ट से ली गई सैलरी के 1 लाख 92 हजार रुपए और सेल डीड बरामद कर लिए हैं। इस मामले में स्पेशल इंक्वायरी टीम में वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर योजना के दिल्ली प्रगति मैदान स्थित कार्यालय के जीएम को नोटिस कर सभी जानकारी मांगी है।