कभी अपनी गजब की मुस्कुराहट और अदाए से लाखों दिलों पर करती थी राज, लेकिन अब हो गई गुमनाम

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किसकी ज़िंदगी कहाँ, कैसी हो जाए, कोई नहीं जानता। किसी को नहीं पता कब कौन अर्श से फर्श पर आ जाए। बतादें, वैसे तो 60 और 70 के दशक में कई अभिनेत्रियां रहीं जिन्होंने सिल्वर स्क्रीन पर अपना दमखम दिखाया।

इनमें मुमताज से लेकर परवीन बॉबी, जीनत अमान जैसी कई हीरोइनें शामिल थीं। उसी दौर में एक ऐसी हीरोइन रही जिसने छोटी-छोटी भूमिकाओं के दम पर ही ऐसी पहचान पा ली कि हर कोई उसका फैन हो गया था।

कभी अपनी गजब की मुस्कुराहट और अदाए से लाखों दिलों पर करती थी राज, लेकिन अब हो गई गुमनाम

ये हीरोइन थीं लीबी राणा यानि निवेदिता। गाल में पड़ने वाले डिंपल और गजब की मुस्कुराहट से उन्होंने सभी का दिल जीत दिया था। वे फिल्मों में हमेशा साइड रोल में दिखाई दीं लेकिन बड़ी-बड़ी हीरोइनों को उन्होंने टक्कर दी।

लीबी राणा ने 60 के दशक में ‘तू ही मेरी जिंदगी’, ‘फरिश्ता’, ‘ज्योति’, ‘धरती कहे पुकार के’ और ‘धुंध’ जैसी फिल्मों में काम किया। इन फिल्मों ने लीबी राणा को एक अलग पहचान दी। फिल्म ‘ज्योति’ में एक्टर संजीव कुमार के साथ उनकी जोड़ी को काफी सराहा गया।

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दोनों की इस फिल्म से काफई पहचान मिली। हालांकि कहा जाता है बॉलीवुड में अभिनेत्रियों का करियर लंबा नहीं रहता। कभी शादी तो कभी परिवार और बच्चों में उलझी ये हीरोइने अपने अच्छे खासे करियर को छोड़ देती हैं।

लीबी राणा के साथ भी ऐसा ही हुआ। लीबी राणा के सितारे गर्दिश में पहुंचे तो लोग उनसे कन्नी काटने लगे। एक दौर था जब लोग उनकी एक झलक पाने को बेताब रहते थे। लेकिन अब समय ये आ गया है कि वो सभी से दूरी बना चुकी हैं।

कभी अपनी गजब की मुस्कुराहट और अदाए से लाखों दिलों पर करती थी राज, लेकिन अब हो गई गुमनाम

अगर गलती से उनका कोई पुराना जानकार उनसे टकराता है तो वो, डर सी जाती हैं, सहम सी जाती हैं और किसी को भी अपने अतीत के बारे में बताना पसन्द नहीं करती हैं। ना जाने किस डर की सज़ा ऐसे दिग्गज कलाकारों की मिलती है ये तो वही जानते हैं, क्योंकि ये चकाचौंध वाली ज़िंदगी हर किसी को सुकून दे, ये सम्भव नहीं।