भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में बेरोजगारी और अपराध की भयावहता पर जताई चिंता

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पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में बेरोजगारी और अपराध की भयावहता पर गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा राष्ट्रीय औसत से 3 गुना ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है। कभी दूसरे राज्यों के युवाओं को भी रोजगार देने वाला हरियाणा आज स्वयं देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी से त्रस्त है।

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के मुताबिक देश में बेरोजगारी की दर 9.17% है जबकि हरियाणा में यह दर 27.9% है। वक्त-वक्त पर सीएमआईई जैसी संस्थाएं अपने सर्वे और रिपोर्ट के जरिए प्रदेश सरकार को आईना दिखा रही हैं। लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार इन संस्थाओं पर ही सवालिया निशान लगाकर सच्चाई से मुंह फेर लेती है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में बेरोजगारी और अपराध की भयावहता पर जताई चिंता

हुड्डा ने कहा कि तमाम मीडिया संस्थान सीएमआईई की रिपोर्ट पर भरोसा करते हैं। अन्य किसी राज्य ने भी इसकी रिपोर्ट पर आपत्ति नहीं जताई। अगर हरियाणा सरकार को यह विश्वसनीय नहीं लगती तो उसे इस रिपोर्ट को चुनौती देनी चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि संस्थाओं पर सवाल उठाकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती। प्रदेश में बेरोजगारी का आलम यह है कि इसी महीने महज 5500 कॉन्स्टेबल पदों की भर्ती के लिए करीब 8 लाख 39 हजार युवाओं ने आवेदन किया है। इस साल के आर्थिक सर्वे अनुसार भी करीब 9 लाख युवाओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया था

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में बेरोजगारी और अपराध की भयावहता पर जताई चिंता

नौकरी मिली मात्र 2800 युवाओं को, इससे पहले भी जब सरकार ने 18 हजार चपरासी पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी तो फोर्थ क्लास की उस भर्ती के लिए भी 18-20 लाख उच्च शिक्षित युवाओं ने आवेदन किया था। इतना ही नहीं 6 हजार कलर्क के पदों पर भी लगभग 25 लाख युवाओं ने आवेदन किया था।

हुड्डा ने याद दिलाया कि पिछले दिनों जगाधरी कोर्ट में चपरासी के महज 10 पदों के लिए लगभग 7000 और पानीपत कोर्ट में चपरासी के 13 पदों की कच्ची भर्ती के लिए लगभग 15000 युवाओं ने आवेदन किए थे। 8वीं पास योग्यता वाली चपरासी की भर्तियों के लिए भी प्रदेश के बीए, एमए, एमएससी, एमकॉम, एम.फिल और पीएचडी किए हुए अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में बेरोजगारी और अपराध की भयावहता पर जताई चिंता

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी के लिए सीधे तौर पर सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं। आज सरकार इतनी भी नौकरियां नहीं दे पा रही, जितने कर्मचारी हर साल रिटायर हो रहे हैं। सरकार का सारा जोर कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और ठेके पर भर्ती करने पर है। ठेकेदारों के जरिए हो रही भर्ती में युवाओं का जमकर शोषण हो रहा है। युवाओं से मोटी रकम लेकर उन्हें कच्ची नौकरियां दी जा रही हैं।

इतना ही नहीं, प्राइवेट इन्वेस्टमेंट की तरफ सरकार का कोई ध्यान नहीं है। एक-एक करके बड़े उद्योग हरियाणा से पलायन कर रहे हैं। सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला ऑटोमोबाइल सेक्टर भी लगातार अन्य राज्यों का रुख कर रहा है। सरकार की इन तमाम विफलताओं का खामियाजा प्रदेश के युवाओं को भुगतना पड़ रहा है। बरोजगारी के चलते प्रदेश का युवा नशे और अपराध की तरफ बढ़ रहा है। लेकिन इस पर ध्यान देने की बजाए इवेंट मैनेजमेंट में माहिर सरकार झूठ के सहारे व राजनीतिक टीका-टिप्पणियां कर अपनी विफलताओं को छिपाने में लगी है।