फरीदाबाद में जब से लॉक डाउन की घोषणा हुई है तबसे लोगो के कामकाज और रोजगार पर इसका खासा प्रभाव देखने को मिला है। जहां एक तरफ रोजगार चले जाने के कारण दिहाड़ी मजदूर पहले ही पलायन कर चुके है वहीं अनलॉक वन के बाद भी जब सब कुछ धीरे धीरे खोला जा रहा है तब भी कुछ लोगो का रोजगार पूर्णत समाप्त हो चुका है।
इसी के चलते जब हम फरीदाबाद के फतेहपुर बिल्लौच गांव में फूलों की खेती करने वाले किसानों के पास पहुंचे तो उन्होंने बताया कि किस प्रकार लॉक डाउन के कारण उनका सारा रोजगार पूर्णत चौपट हो चुका है और अबतक लाखों रुपए का नुकसान वे झेल चुके है जिसका कोई मुआवजा मिलने की उम्मीद सरकार से नहीं है।
किसानों ने बताया कि इस दौरान उनकी सारी फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। जब वे अपने फूलों कि फसल को लेकर गाजीपुर सब्जी मण्डी लेकर पहुंचते है तो बाजार में मांग न होने के कारण उन्हें उनकी फसलों का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है और कुछ किसानों कि फसल न बिकने के कारण मंडी में पड़ी हुई यूहीं बर्बाद हो रही हैं।
वही जब फरीदाबाद के एनआईटी 5 नंबर में फूलों की दुकान लगाने वाले एक व्यक्ति से हमने बात कि तो उसने बताया कि लॉक डाउन के कारण शादी समारोह एवं सभी धार्मिक स्थलों पर पाबंदी लग जाने के कारण उनका काम धंधा पूरी तरह से ठप हो चुका है।
दुकानदार ने बताया कि नवरात्रे एवं अन्य त्योहारों और शादी समारोह के दौरान उनकी सबसे ज्यादा आमदनी होती थी लेकिन इस बीच सब त्योहार ऐसे ही बीत गए। दुकानदार ने बताया कि करीब 20 वर्षो में ऐसा पहली बार हुआ है जब नवरात्रों के दौरान उनकी बिल्कुल भी आमदनी नहीं हुई और उन्हें अपनी दुकान बन्द रखनी पड़ी।
कुल मिलाकर कहा जाए तो करीब 2.5 महीने के लंबे देशव्यापी लॉक डाउन के बाद जहां अब सरकार लोगो के रोजगार को वापिस से पटरी पर लाने के लिए अनलॉक वन के तहत कार्य कर रही है वहीं कुछ रोजगार ऐसे भी है जिनपर किसी का कोई ध्यान नहीं जा रहा है और फिलहाल अभी अनुमान लगाना भी कठिन होगा कि इनका रोजगार वापिस कब तक पटरी पर लौट पाएगा।