अभी तक हमने अपने किताबों में या वैज्ञानिकों से या फिर कहीं से भी सिर्फ यही सुना है कि बिजली पानी से बनती है, लेकिन डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम ने हर क्षेत्र में इतनी प्रगति कर ली है कि इंसान की सोच से भी परे कार्य कर पाना अब ऐसा मानो मुमकिन हो चला है।
इसी का एक ताजा उदाहरण सोनीपत जिले के गांव मुरथल में लगाएं गए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को शुरू कर पेश किया गया हैं। दरअसल, पानीपत व सोनीपत जिले के कचरा निस्तारण के लिए लगाएं गए प्लांट में सोमवार को कूड़े-कचरे से बिजली बनाने का प्रयोग कामयाब होने पर एक अलग ही खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी।
वहीं जब सोमवार को निगम आयुक्त जगदीश शर्मा व जेबीएम कंपनी के अधिकारियों की मौजूदगी में कचरे से बिजली बनाने का ट्रायल किया गया,जो सफल रहा। अब इस प्लांट को शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल जल्द ही इसका उद्घाटन करने आएंगे।
इस प्लांट में पानीपत, समालखा, गन्नौर व सोनीपत से आने वाले कूड़े-कचरे से बिजली पैदा की जाएगी।जानकारी के लिए बता दें कि जेबीएम कंपनी के सहयोग से 176 करोड़ रुपए की लागत राशि खर्च कर मुरथल के ताजपुर रोड़ पर प्रदेश का पहला सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट तैयार किया गया है. यह प्रतिदिन 650 टन कचरे का निस्तारण कर आठ मेगावाट बिजली उत्पादन करेगा।
योजना के मुताबिक मार्च 2019 तक इस प्लांट को शुरू करने की तैयारी थी लेकिन समय पर निर्माण कार्य पूरा नहीं होने की वजह से समय-सीमा को बढ़ाकर मार्च 2020 कर दिया गया था। नगर निगम आयुक्त जगदीश शर्मा ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इसके बाद कोविड 19 महामारी की वजह से लॉकडाउन लगने से काम रफ्तार नहीं पकड़ सका।
निगम आयुक्त ने कंपनी प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर तेजी से कार्य करने के दिशा-निर्देश दिए। निगम आयुक्त की सहमति के बाद सोमवार को बिजली बनाने का ट्रायल किया गया जिसमें कामयाबी हासिल हुई। अब इस प्लांट को पूरी तरह से चालु करने के लिए प्रदेश के मुखिया मनोहर लाल जल्द ही इसका उद्घाटन करेंगे। ट्रायल सफल रहने की सूचना शहरी स्थानीय निकाय विभाग को भी भेज दी गई है।