इकोग्रीन कंपनी द्वारा डोर टू डोर कूड़ा उठाने की सुविधा सरकार ने इसलिए प्रदान की है ताकि शहर को स्वच्छ व साफ सुथरा रखा जा सके। लेकिन कुछ ठेकेदार इसका गलत फायदा उठा रहे हैं। वे फर्जी रसीद छपवा कर रेहड़ी व पटरी वालों से भी वसूली कर रहे हैं, जबकि इको ग्रीन कंपनी रेहड़ी – पटरी वालों से कोई यूजर चार्ज नहीं ले रही है।
ठेकेदारों का यह खेल पूरे शहर में चल रहा है लेकिन कंपनी को इसकी कोई भनक तक नहीं है। मीडिया के माध्यम से इस मामले को सामने लाने के बाद कंपनी अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले का संज्ञान लिया जाएगा इन ठेकेदारों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
डोर टू डोर कूड़ा उठाने का यह कार्य करीब 4 सालों से इको ग्रीन कंपनी द्वारा शहर में किया जा रहा है। मामूली शुल्क भी कंपनी इसके बदले वसूल करती है। बता दें कि करीब 800 टन * प्रतिदिन शहर से निकलता है। जिसे कलेक्शन सेंटर से उठा बंधवाड़ी प्लांट पर पहुंचाया जाता है।
ज्ञात है कि शहर काफी बड़ा है, इस कारण कंपनी हर जगह जांच-पड़ताल नहीं कर सकती। इस बात का फायदा ठेकेदारों द्वारा उठाया जा रहा है। यह ठेकेदार कंपनी के नाम से फर्जी रसीद छपवाकर रेहड़ी – पटरी वालों से यूजर चार्ज वसूल कर रहे हैं।
सेक्टर 28 – 29 में ठेकेदारों की इस करतूत का मामला सामने आया। यहां एक कचोरी की रेहड़ी लगाने वाले से इकोग्रीन के नाम पर ₹120 की वसूली की गई। पूछताछ करने पर सामने आया कि यहां हर महीने इकोग्रीन के नाम पर सभी दुकानदारों से ठेकेदारों द्वारा पैसे वसूल किए जा रहे हैं।
इको ग्रीन कंपनी के सीईओ संजय शर्मा का कहना है कि कंपनी रेहड़ी पटरी वालों से कोई गुजर चार्ज नहीं लेती। उन्होंने अपील की कि यदि उनसे यूजर चार्ज लिया जाता है तो वे कोई चार्ज न दे व एफ आई आर दर्ज कराएं।