स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने उन्हें सीएम खट्टर से अलग समझने वालों की अकल ठिकाने लगाई

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एक ही पार्टी के नेता या फिर यूं कहें मंत्री होने के बावजूद भी कुछ लोगों के विचार आपस में मेल नहीं खाते जिसक नाजायज फायदा विपक्षी पार्टियों द्वारा उठाया जाता है और उनके आपसी तकरार की बातें कहकर आमजन के बीच में अलग ही तरीके से पेश किया जाता है ऐसे में वर्तमान समय में हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को लेकर भी कुछ इसी तरह के कयास लगाए जाते हैं।

मगर ऐसा समझने वालों के खिलाफ अब अनिल विज ने कड़े शब्दों में समझाते हुए कहा कि वह और मुख्यमंत्री अच्छे दोस्त हैं और यह गंदा खेल खेलने वाले अधिकारियों को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। विज ने जारी एक बयान में कहा है कि माननीय मुख्यमंत्री जी को प्रसन्न करने के लिए कुछ अधिकारी मेरे विभागीय कार्यों में इस प्रकार बाधा डाल रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने उन्हें सीएम खट्टर से अलग समझने वालों की अकल ठिकाने लगाई

मानो मैं और मुख्यमंत्री एक दूसरे के विरुद्ध हों। वे बहुत बुरी तरह गलत हैं। मैं और माननीय मुख्यमंत्री अच्छे दोस्त हैं। यह गंदा खेल खेलकर नेतागिरी करने वाले अधिकारियों को अपनी ड्यूटी की तरफ ध्यान देना चाहिए।

दरअसल, इस बात से सभी वाकिफ है कि गृह मंत्री अनिल विज के पास गृह, स्वास्थ्य, शहरी निकाय व तकनीकी शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं। यह विभाग सीधे जनता से जुड़े हुए सीधे विभाग हैं। अनिल विज के विभागों ने कोविड की पहली व दूसरी लहर के दौरान जनता को अधिक-से-अधिक सहूलियत देने का काम किया था। जनता के प्रति सीधी जवाबदेही इन विभागों की है।

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने उन्हें सीएम खट्टर से अलग समझने वालों की अकल ठिकाने लगाई

इस दौरान विज बेशक दो बार अस्वस्थ रहे इसके बावजूद कभी ऑक्सीजन के सहारे तो कभी वाकर के सहारे हरियाणा सचिवालय पहुंचते रहे हैं। अनिल विज जनता के प्रति अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सदैव तत्पर रहते रहे हैं। इनके द्वारा जारी किए गए इस बयान को राजनीतिक व प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़े अधिकारियों के लिए सीधा और कड़ा संदेश माना जा रहा है।

अनिल विज ने अपने चिर-परिचित अंदाज में जिस प्रकार राजनीतिक चक्रव्यूह में उलझे अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि कुछ अधिकारी मेरे विभागीय कार्यों में जिस प्रकार से बाधा डाल रहे हैं मानो मै और मुख्यमंत्री एक दूसरे के विरुद्ध हो। वह बहुत बुरी तरह से गलत है। मैं और माननीय मुख्यमंत्री अच्छे दोस्त हैं। यह गंदा खेल खेलने वाले अधिकारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने उन्हें सीएम खट्टर से अलग समझने वालों की अकल ठिकाने लगाई

अनिल विज ने यह शब्द उन अधिकारियों को खुली चेतावनी के रूप में कहे हैं जो प्रशासनिक व्यवस्था मे कम और राजनीति में अधिक रुचि रख रहे हैं। जिसके चलते निजी हितों के चलते में राजनीतिक खेलते हैं। विज मनोहर पार्ट-वन तथा पार्ट-टू में भी कार्यों में रुकावट डालने वाले अधिकारियों के लिए समय-समय पर चेतावनी जारी करते रहे हैं तथा कुछ मामलों में उन्होंने समय-समय पर एक्शन भी लिए हैं।

अनिल विज का यह कहना है कि यह गंदा खेल खेल रहे अधिकारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उनका यह बयान अत्यंत कठोर और सीधा संदेश माना जा रहा है। राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि अनिल विज जो कहते हैं वह करते भी हैं। विज के पास जो भी अहम विभाग हैं उन्हीं से संबंधित अधिकारियों को यह संदेश दिया गया है या फिर अन्य विभागों के अधिकारियों के लिए भी यह संदेश है

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने उन्हें सीएम खट्टर से अलग समझने वालों की अकल ठिकाने लगाई

, बारे राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि उन्होंने यह स्पष्ट कहा है कि कुछ अधिकारी मेरे विभागीय कामों में रुकावट डाल रहे हैं। जिसका अर्थ सीधा है कि विज के अधीन विभागों के अधिकारियों के लिए यह संदेश है। विज के यह तेवर स्पष्ट करते हैं कि आने वाले समय में हरियाणा प्रशासनिक अमले में जब भी फेरबदल हुआ, तब इनके विभागों के अधिकारियों को बदला जा सकता है। विज ने इस संदेश के द्वारा सभी को चेतावनी देने की कोशिश की है।

बता दें कि हाल ही में गृह, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों को चेतावनी देने के लिए एडिशनल चीफ सेक्रेटरी गृह विभाग राजीव अरोड़ा के माध्यम से पत्र लिखकर कहा है कि अधिकारियों द्वारा उनके कार्यालय की तरफ से भेजी जाने वाली शिकायतों पर तुरंत एक्शन रिपोर्ट भेजी जाए। हाल ही में विज ने नगर निगम गुड़गांव पर छापा मारा था तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी चेतावनी देकर जनहित के कार्यों में देरी न करने की बात कही थी।

हाल ही में विज द्वारा अपने तीन विभागों पुलिस, स्वास्थ्य और शहरी निकाय पर उठाए गए कदम यह बताने के लिए काफी है कि अनिल विज अधिकारियों द्वारा जनहित में किए गए कामों को लेकर संतुष्ट बिल्कुल भी नहीं है। साथ ही विज इस बात से और ज्यादा नाराज हैं कि उनके इंटरफेयर के बावजूद अधिकारी काम नहीं करना चाहते। विज का मानना है कि अगर उनके दखल के बाद भी काम नहीं होते तो फिर आम जनता को यह अधिकारी किस हद तक परेशान कर रहे होंगे।