इंश्योरेंस नाम सुनकर कई लोगों के कान खड़े हो जाते हैं। कई प्रकार के इंश्योरेंस किये जाते हैं। आप टू-व्हीलर चलाएं या फोर-व्हीलर गाड़ी के कागज़ पूरे होने चाहिए। जिसमें आपको वाहन का इंश्योरेंस हर साल करवाना पड़ता है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने नियमों में बदलाव किए हैं जिसके बाद सड़क पर अब बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाना आपको महंगा पड़ सकता है। लेकिन इंश्योरेंस पॉलिसी भी अलग-अलग होती हैं।
पॉलिसीस को लेकर अक्सर हम अनजान रह जाते हैं। हमें सही जानकारी नहीं होती। जानकारी केआभाव में एजेंट हमसे ज़्यादा पैसे ले लेता है। फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के बारे में सुनते हैं। इन पॉलिसीज़ के फायदे और नुकसान के बारे में अधिकतर लोग नहीं जानते हैं। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में क्या फर्क होता है तो हम आपको समझाने की कोशिश करते हैं।
आप एजेंट के चंगुल से बच सकेंगे। ज़्यादा पैसे वह नहीं खा पाएगा। तो ध्यान से पढ़िए कि थर्ड पार्टी इंश्योरेंस वह होता है, जिसमें आपके द्वारा हुई किसी दुर्घटना का क्लेम आपको नहीं मिलता बल्कि सामने वाले को मिलता है। मान लीजिए आपकी बाइक या कार किसी दूसरी बाइक या कार से टकराती है, तो दुर्घटना में हुए नुकसान की भरपाई आपकी इंश्योरेंस कंपनी सामने वाले को देती हैं। यह इंश्योरेंस गाड़ी के पेपर्स पूरे रखने की प्रक्रिया के तहत करवाया जा सकता है।
हो सकता है अब आपको थर्ड पार्टी के बारे में समझ आ गया हो। हम जानते हैं फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस के बारे में। यह जीरो डेप्थ के साथ करवाया जा सकता है। जिसमें सारी चीज़ें कवर होती हैं। जैसे आपकी गाड़ी की टूट-फूट आपकी शारीरिक क्षति, सामने वाले जिससे आपकी गाड़ी टकराई है उसकी गाड़ी की टूट-फूट से लेकर उसकी इंजरी तक सारी चीज़ें इस इंश्योरेंस पॉलिसी में आपको कंपनी की तरफ से मिलती हैं। यहां तक कि इस इंश्योरेंस के तहत गाड़ी चोरी हो जाने पर या बुरी तरह डैमेज हो जाने पर भी आपको कंपनी से क्लेम मिल जाता है।
सड़क पर वाहन ले जाने से पहले आप इंश्योरेंस ज़रूर करवा लें। यह आपको चालान से भी बचाएगा और सुरक्षित भी रखेगा।