आशा वर्कर यूनियन ने 36 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर धरने दिया। डीडीपीओ को सौंपा ज्ञापन।

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आज शुक्रवार को फरीदाबाद जिले की सभी 36 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर धरने दिए। इन के माध्यम से प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री के नाम 6 सूत्री मांगों का ज्ञापन डीडीपीओ श्री राजेश मोर को सौंपा ज्ञातव्य है कि आशा वर्कर कोरोना महामारी से लड़ने में अपनी जान को जोखिम में डालकर पहली पंक्ति में खड़ी होकर काम कर रही हैं। इस काम को करते हुए उन्हें दबंगों एवं असामाजिक तत्वों द्वारा हो रहे हमलों का सामना भी करना पड़ता है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी इनके साथ सौतेला व्यवहार करते हैं। विभागाध्यक्ष को अनेकों बार मांग पत्र भेजने के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं होता है। आशा वर्करों की जिला प्रधान हेम लता ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को भी अनेक मांग पत्र भेजे गए लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। आशा वर्करों की मुख्य मांग निम्न प्रकार से है।

  1. आशा वर्कर लगातार लोगों के संपर्क में रहती हैं। इसलिए बिना किसी लक्षण के बाद भी सभी आशाओं के टेस्ट नियमित रूप से किए जाने चाहिए। यदि कोई आशा वर्कर संक्रमित है तो उसे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ आइसोलेशन में रखा जाए यदि वहां पर स्थान नहीं मिलता है। तो आशा वर्करों के लिए अलग से आइसोलेशन कैंप बनाए जाएं। इस बीच उस संक्रमित आशा वर्कर के परिवार का पूरा खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाना चाहिए।
  2. आठ एक्टिविटीज पर राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली 50% इंसेंटिव को दोबारा लागू किया जाए।
  3. अभी भी काफी जगहों पर आशाओं को अच्छी क्वालिटी के मास्क सैनिटाइजर, दस्ताने इत्यादि सामान नहीं मिल रहा है। इसकी व्यवस्था की जाए। इसके साथ-साथ कंटेनमेंट जोन में कार्यरत आशा वर्करों को पीपीई किट भी उपलब्ध करवाई जाए।
  4. आशाओं पर असामाजिक तत्वों द्वारा हमले किए जाने पर स्वास्थ्य विभाग को उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
  5. सभी आशाओं को चार हजार रुपए का जोखिम भत्ता दिया जाए।
    5.यदि आशाओं को कोबिट 2019 के काम के लिए अपने कार्य क्षेत्र से बाहर भेजा जाता है। तो इसके लिए अलग से मानदेय की व्यवस्था की जाए। 6.आशा वर्करों पर अनावश्यक रूप से ऐप डाउन लोड करने एवं डिजिटल काम करने का दबाव नहीं बनाया जाए।
  6. आज के ज्ञापन को देते हुए जिला प्रधान हेमलता, नीलम जोशी एवं कर्मचारी नेता धर्मवीर वैष्णव ने सरकार पर आशाओं की समस्याओं का समाधान नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि यदि मांगों का समाधान नहीं किया गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।