भारत में भले ही महामारी की स्थिति में पहले से सुधार हुआ है लेकिन कई लोग इसे काफो हलके में ले रहे हैं। महामारी के प्रति लापरवाही दिखा रहे हैं। बहुत से देशों में महामारी अपना रौद्र रूप दिखा रहा है। इंडोनेशिया में महामारी विस्फोट हो चुका है। विश्व की चौथी सबसे अधिक आबादी वाला देश इंडोनेशिया इस समय एशिया में टॉप पर पहुंच कर महामारी से सर्वाधिक पीड़ित दिखाई दे रहा है।
यहां त्राहिमाम मचा हुआ है। हर तरफ महामारी ने अपना प्रकोप दिखाया हुआ है। ब्राजील के बाद दूसरे नंबर पर आ चुके इंडोनेशिया की इस भयानक हालत के लिए कौन जिम्मेदार है, यह सबसे बड़ा सवाल है।
लाशों के ढेर इस समय वहां लग रहे हैं। 2 गज जमीन भी लोगों को नहीं मिल रही है। अस्तपालों का कहना है कि उनके पास आपूर्ति लगभग समाप्त हो गई है। इस संबंध में सबसे अहम बात यह सामने आई है कि मुस्लिम बहुल आबादी वाले देश इंडोनेशिया में एक बड़ी आबादी ने तमाम भ्रांतियों के चलते वैक्सीन से दूरी बना ली जिसका नतीजा आज देश को भुगतना पड़ रहा है।
डेल्टा वेरिएंट की वजह से स्थिति और गंभीर हो गई है। इस वक्त इंडोनेशिया और ब्राजील में ये जानलेवा वायरस लोगों की जिंदगी पर मौत बनकर कहर बरपा रहा है। इस्लाम में उन उत्पादों को ‘हलाल’ कहा जाता है जिनमें ‘हराम’ चीज़ों का इस्तेमाल नहीं होता है। उदाहरण के लिए शराब या सूअर का मांस। हाल के सालों में हलाल ब्यूटी प्रॉडक्ट्स का फैशन मुस्लिम और ग़ैर-मुस्लिम देशों में काफ़ी बढ़ा है।
किसी वैक्सीन को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए सूअर की हड्डी, चर्बी या चमड़ी से बनी जेलेटिन का इस्तेमाल किया जाता है। हालाँकि कुछ कंपनियों ने कई सालों तक काम करके इसके बिना वैक्सीन बनाने में सफलता पाई है।