मन में अगर कुछ करने की इच्छा हो तो ना तो उम्र की दीवार कुछ कर सकती है, ना ही समाज की तकरार। सिर्फ मन में उमड़ा कुछ कर दिखाने का जनसैलाब ही इंसान को अपनी इच्छाओं को मुकम्मल करने में सक्षम बनाता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है चरखी दादरी जिले के रहने वाले 87 वर्षीय भगवान सिंह ने,जिनका साथ दिया उनकी पत्नी 80 वर्षीय फुला देवी ने।
चाहे भले ही उम्र के इस पड़ाव में शरीर न उनका साथ ढंग से न दिया हो मगर दोनो का एक दूसरे के साथ को देखकर मानो लगता है कि उनका जोश युवाओं से कम नहीं है।
इस बुजुर्ग दंपती ने गांव की 1500 मीटर ऊंची पहाड़ी पर तीन पक्के कुंड बनाए हैं। जिला प्रशासन ने भी इनके इस प्रयास की सराहना की है। कादमा गांव 200 साल पहले ठाकुर कदम सिंह ने बसाया था।
भगवान सिंह और उनकी पत्नी फूला देवी इसी गांव के निवासी हैं और खेती करते हैं। जब बच्चे खेत में काम करने लगे तो भगवान सिंह का ध्यान साहीवाली पहाड़ी की ओर गया। वहां कभी वे अपने पशुओं को चराने के लिए ले जाते थे। वहां घास फूस और चारे की कमी तो नहीं है, लेकिन जीव जंतुओं के लिए पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी।
भगवान सिंह के जहन में वहां पानी के कुंड बनाने का ख्याल आया। छह साल पहले भगवान सिंह और फूला देवी को पहाड़ी की चोटी पर कुंड निर्माण का काम शुरू हुआ। तीन कुंड का निर्माण करवाने में करीब डेढ़ साल लग गया। उन्होंने बताया कि सर्दियों में काफी समय तक काम भी बंद रहा और इसके बाद गांव के युवाओं से सहयोग मिलने पर इस कार्य को सिरे चढ़ाया गया। दंपती ने बताया कि कुंड निर्माण के बाद से ही वे लगातार यहां देखरेख कर रहे हैं।
कादमा निवासी कमल सिंह, रामफल, सतबीर शर्मा, महेश फौजी ने बताया कि बुजुर्ग दंपती का लोहा गांव के युवा भी मानते हैं, जो अपने अथक परिश्रम से जलसेवा का श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत कर चुके हैं। साहीवाली पहाड़ी पर भगवान महादेव की भी एक प्रतिमा बनाई जा रही है, जिसे कादमा का ही एक युवक नसीब खान पूरे मनोयोग से बना रहा है।