लॉक-डाउन में Parle- G बिस्कुट ने तोड़ा पिछले 42 साल की बिक्री का रिकॉर्ड ।

0
378

कोरोना वायरस के कारण जहां तमाम बड़ी-बड़ी कंपनियां बंद होने के कगार पर है, या बंद हो चुकी है तो वहीं इस दौरान पारले-जी बिस्किट ने रिकॉर्ड तोड़ बिक्री किया है। इस बिस्किट का बिक्री इतना बढ़ गया कि पिछले 82 साल का रिकॉर्ड टूट गया और अप्रैल- मई महीने में सबसे ज्यादा बिक्री हुई है।

लॉक-डाउन में Parle- G बिस्कुट ने तोड़ा पिछले 42 साल की बिक्री का रिकॉर्ड ।

कंपनी के जानकारी के मुताबिक यह बिस्किट 1938 से लोगों का फेवरेट रहा है।लेकिन इस बार लॉकडाउन के कारण इसकी बिक्री पिछले 80 साल में सबसे ज्यादा रही है ,इसके मुताबिक इसकी कीमत मात्र ₹5 होने के कारण इसकी मांग बढ़ी है और बड़े शहरों से गांव लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को बिस्किट बांटा गया।

लॉक-डाउन में Parle- G बिस्कुट ने तोड़ा पिछले 42 साल की बिक्री का रिकॉर्ड ।

Parle products के कैटेगरी हेड मयंक शाह ने बताया कि लॉक डाउन का बीच पारले जी बिस्किट लोगों के लिए सस्ता रहा इसलिए लोगों ने इस बिस्किट को लंच डिनर और नाश्ते में प्रयोग किया उन्होंने बताया कि कंपनी का कुल मार्केट शेयर 5 फ़ीसदी बढ़ा है और इसमें 80 90 पर सेंट ग्रोथ parle-g की बिक्री के कारण हुई है श्री शाह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान इस बिस्किट कितनी बिक्री बढ़ गई कि देश के कई राज्यों ने इसकी मांग बढ़ाने की अपील की और देश के कई सारे एनजीओ ने भी इस बिस्किट को बड़ी मात्रा में खरीदा

देश भर की पारले प्रोडक्ट 130 फैक्ट्री ने किया उत्पादन।

पारले प्रोडक्ट की देश भर में कुल 130 फैक्ट्री है, जिसमें से 120 में लगातार बिस्किट बनता रहा। पारले जी ब्रांड 100 रू प्रति किलो से कम वाली कैटेगरी में आता है, और बिस्किट उद्योग में एक तिहाई कमाई इसी से होती है तथा बिस्किट की बिक्री में इसका शेयर 50 फीसदी है।

लॉक-डाउन में Parle- G बिस्कुट ने तोड़ा पिछले 42 साल की बिक्री का रिकॉर्ड ।

रणदीप हुड्डा ने की पारले जी से खास अपील

बॉलीवुड अभिनेता रणदीप हुड्डा ने ट्वीट कर लिखा कि, मेरा पूरा करियर और थिएटर के दिन पारले जी बिस्किट और चाय के साथ जुड़ा है,अगर पारले जी अपने वैकल्पिक बायोडिग्रेडेबल मटेरियल में बदल ले तो, कितनी अधिक मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक कचरे के इस्तेमाल में कमी आ सकती है।अब बिक्री भी बेहतर है तो कल को बेहतर बनाने में योगदान करें।


Written by – Ankit Kunwar