बारिश के कारण इन दिनों यमुना के पानी का जलस्तर अधिक हो जाने के कारण पानी को अन्य इलाकों में छोड़ा जा रहा है, जिस कारण शहर के लोग भयभीत होने लगे हैं। 1 लाख 56 हजार क्यूसेक पानी शनिवार रात तक फरीदाबाद की सीमा में प्रवेश सकता है, जोकि हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया है।
फरीदाबाद और पलवल के निचले इलाकों में पानी भरने की आशंका जताई जा रही है। जिला प्रशासन इस समय अलर्ट है। यमुना किनारे बसे हुए गांवों को अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए जाने को कहा गया है।
यमुना के पानी का जलस्तर भारी बरसात के कारण प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। बता दें कि 1 लाख 56 हजार क्यूसेक यमुना के पानी को मगलवार को हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया, जोकि शुक्रवार को दिल्ली पहुंच जाएगा। 72 घंटों बाद शनिवार रात तक यह पानी फरीदाबाद की सीमा में पहुंच जाएगा। जिला प्रशासन द्वारा पहले से ही इस बारे में पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
यमुना किनारे बसे गांवों में पानी भरने की आशंका के चलते गांव के लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाएगा। अरुआ, नंगला, मोठुला एवं छायसा के सरकारी स्कूलों में ग्रामीणों सामान्य स्थिति होने तक ठहराया जाएगा।
साथ ही उनके खाने – पीने व सोने की व्यवस्था भी प्रशासन द्वारा को जाएगी। सरकारी कर्मचारी इस समय सभी गांवों में तैनात हैं तथा अधिकारियों द्वारा भी हर घंटे की रिपोर्ट ली जा रही है। साथ ही उपयुक्त के माध्यम से यह रिपोर्ट सरकार के पास भेजी जा रही है।
अरुआ और छांयसां गांव के पुलों को हटाकर दोनों पुलों के कैप्सूल एक ही जगह एकत्रित करके बांध दिए गए हैं। लोक निर्माण विभाग ने अपने कर्मचारियों की ड्यूटी गांव में लगाई है, ताकि कोई भी कैप्सूल बह न जाए। यमुना पार अपने खेती पर जाने के लिए लोगों को मोहना पुल पार करके जाना होगा।
सिंचाई विभाग के एससी बीएस रावत ने कहा कि यमुना का ताजा वाला बांध अभी तक खाली था, लेकिन वहां पर अब यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि भले ही 1 लाख 56 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है और शनिवार तक यह पानी फरीदाबाद में भी पहुंच जाएगा।
लेकिन दिल्ली एवं फरीदाबाद पर इस पानी का कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि यमुना का घेरा अभी तक पूरी तरह से खाली था। साथ ही प्रशासन के अधिकारी भी निरंतर अपनी निगाह बनाए हुए हैं।