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हरियाणा: तीन साल बाद भी नहीं हो पाई इन शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर, अब बन गई हैं सिरदर्द

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पूर्वी (कुंडली-गाजियाबाद-पलवल) और पश्चिमी (कुंडली-मानेसर-पलवल) एक्सप्रेस–वे से प्रमुख शहरों की कनेक्टिविटी अभी तक सुगम नहीं हो पाई है। इन एक्सप्रेस वे को शुरू हुए तीन साल से अधिक समय हो गया है, लेकिन हरियाणा या उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी कनेक्टिविटी प्रमुख शहरों से बेहतर बनाने की दिशा में कोई रुचि नहीं दिखाई है।

ये दोनों एक्सप्रेस–वे पलवल, फरीदाबाद, सोनीपत, गुरुग्राम, रोहतक, झज्जर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद जिले से कुछ दूरी तय करने पर सीधे तौर पर राष्ट्रीय राजधानी को छूते हैं। लेकिन बीते तीन सालों में इन शहरों से पहले की कनेक्टिविटी को न तो सुदृढ़ किया गया है और न ही नई कनेक्टिविटी की योजनाएं बनाई गई।

हरियाणा: तीन साल बाद भी नहीं हो पाई इन शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर, अब बन गई हैं सिरदर्द

अप्रैल 2016 में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने केएमपी एक्सप्रेस–वे पर पलवल से मानेसर तक 53 किलोमीटर मार्ग का उद्घाटन किया था। इसके बाद 27 मई 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बागपत रैली में केजीपी का शुभारंभ किया और केएमपी के शेष 83 किलोमीटर मार्ग का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने 19 नवंबर 2018 को सोहना रैली में किया।

इन शहरों से है कनेक्टिविटी बेहतर करने की जरूरत

हरियाणा: तीन साल बाद भी नहीं हो पाई इन शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर, अब बन गई हैं सिरदर्द

फरीदाबाद से केजीपी एक्सप्रेस-वे पर आने-जाने के लिए बल्लभगढ़ से मोहना-छांयसा मार्ग को अपनाना होता है। एक वर्ष पूर्व ही दो लेन के इस मार्ग की कारपेंटिंग राज्य सरकार ने की थी। चंदावली, मच्छगर, दयालपुर, अटाली गांव से गुजरने वाले इस मार्ग पर जाम की स्थिति रहने की वजह से केजीपी तक पहुंचने में आधे घंटे का समय लग जाता है।

गुरुग्राम से केएमपी को जोड़ने वाले मार्ग में नूंह के धुलावट के पास भिवाड़ी-सोहना राजमार्ग की हालत बहुत खराब है। पहले सुल्तानपुर के पास भी केएमपी पर चढ़ने व उतरने वाले मार्ग की हालत भी खराब थी। लेकिन दो महीने पहले उसकी मरम्मत कर दी गई। धुलावट टोल के पास दोनों ओर की सड़कें अभी भी जर्जर बनी हुई है। इन्हें बनाने की जिम्मेदारी एनएचएआइ की है। बारिश के कारण सड़क पर बड़े-बड़े गढ्ढों हो जाते है जिनमें वाहन फंस जाते हैं।

हरियाणा: तीन साल बाद भी नहीं हो पाई इन शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर, अब बन गई हैं सिरदर्द

अभी सोनीपत से केएमपी और केजीपी का जंक्शन बनना है लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग को चौड़ा करने का काम होने से अभी जंक्शन का काम पूरा नहीं हो पाया। केजीपी से आवागमन करने के लिए सोनीपत से राष्ट्रीय राजमार्ग की एप्रोच रोड ठीक हैं, लेकिन केएमपी की तरफ से वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है। किसान संगठनों के आंदोलनकारी भी कुंडली बार्डर पर केएमपी की तरफ ही प्रदर्शन कर रहे हैं। सोनीपत से केएमपी तक पहुंचने के लिए कम से कम आधा घंटे का समय लगता है।

हरियाणा: तीन साल बाद भी नहीं हो पाई इन शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर, अब बन गई हैं सिरदर्द

गाजियाबाद से केजीपी या केएमपी की कनेक्टिविटी डासना और दुहाई शहर से है। डासना से सड़क एनएच-9 को और दुहाई से पुराने दिल्ली-मेरठ रोड को क्रास करती हैं। रेपिड रेल का काम चलने से दुहाई की तरफ से आवागमन करने में परेशानी होती है। शहर से एक्सप्रेस वे तक पहुंचने में कम से कम 30 मिनट लगते हैं।

गौतमबुद्ध नगर से केजीपी से कनेक्ट होने के लिए यहां दादरी और बील अकबरपुर गांव के नजदीक व ग्रेटर नोएडा में सिरसा गांव के पास दो सड़क हैं। दादरी से केजीपी तक पहुंचने में कोई समस्या नहीं आती लेकिन बील अकरपुर वाली सड़क डेढ़ से दो किलोमीटर तक टूटी हुई है। शहर से केजीपी एक्सप्रेस वे तक पहुंचने के लिए बरसात के दिनों में 30 मिनट तो सामान्य दिनों में 15-20 मिनट का समय लगता है।

हरियाणा: तीन साल बाद भी नहीं हो पाई इन शहरों की कनेक्टिविटी बेहतर, अब बन गई हैं सिरदर्द

हरियाणा स्टेट रोड एंड ब्रिज कारपोरेशन के निदेशक हरदीप सिंह महाजन का कहना है कि निश्चित तौर पर एक्सप्रेस वे से शहरों को जोड़ने वाले मार्गों को भी भारी वाहनों की क्षमता अनुकूल बनाने चाहिए। पहले से बने स्टेट हाईवे, डिस्ट्रिक मेजर रोड की क्षमता सीमित रहती है। फरीदाबाद से केजीपी की सीधी कनेक्विटी कराने के लिए हरियाणा सरकार ने पहले ही बात की है। इसके लिए एनएचएआइ की तरफ से 1600 करोड़ रुपये की प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी तैयार की गई है। इसके बाद यह 30 मिनट का सफर केवल 10 मिनट का रह जाएगा।

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