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रोटी हो या पराठा पेट तो दोनों से भरेगा, लेकिन पराठे के लिए देना होगा GST

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कहते है पेट में भूख के मारे चूहे कूदने लगे तो कुछ भी खाने को मिल जाए हम बिना स्वाद के भी खा लेते हैं। लेकिन जब आपको खाने के लिए रोटी या पराठा परोसे जाए तो आप किसे चुनेंगे। अगर आप हैल्थ कंसियस है तो पक्का आप ऑयली फूड को ना ही कहेंगे।

लेकिन आप फूडी है और आपको नए नए व्यंजन का जायका लेना पसंद हैं तो पक्का आप पराठे को ना नहीं कह पाएंगे।

रोटी हो या पराठा पेट तो दोनों से भरेगा, लेकिन पराठे के लिए देना होगा GST

लेकिन अगर आप पराठा खाने का शौक रखते हैं खास करके बाहर का यानी के बाहर बनने वाले होटल रेस्टोरेंट में तो आपको अपनी जीभ के स्वाद के लिए अपनी जेब को ज्यादा खाली करना पड़ेगा।

भले ही रोटी और पराठा एक ही तरह का हो लेकिन स्वाद दोनों का अलग-अलग होता है यही कारण है कि इस बात को बरकरार रखने के लिए अब आपको अपनी जेब ढीली करनी पड़ सकती है।

रोटी हो या पराठा पेट तो दोनों से भरेगा, लेकिन पराठे के लिए देना होगा GST

आपके लिए रोटी और पराठा में ज़्यादा अंतर ना हो लेकिन मामला अगर जीएसटी लगाने का हो तो रोटी पराठे से बहुत ज्यादा अलग है। इतना अलग है कि रोटी पर तो टैक्स 5% लगेगा लेकिन पराठे पर पूरा 18% चुकाना होगा।

आमतौर पर हम पराठे को रोटी चाहिए प्रकार मानते हैं लेकिन अथॉरिटी ऑफ एडवांस (AAS) रूलिंग व्याख्या के अनुसार पराठे को 18% की श्रेणी में रखा है।

रोटी हो या पराठा पेट तो दोनों से भरेगा, लेकिन पराठे के लिए देना होगा GST

लेकिन (AAS) ने काफी जुदा राय रखी और कहा रोटी की 1905 शीर्षक के अंतर्गत आने वाले प्रोडक्ट पहले से तैयार और पूरी तरह पकाए गए होते हैं पराठा को खाने से पहले गर्म करना होता है पराठा को 1905 के अंतर्गत वर्गीकृत नहीं कर सकते हैं।

एएस ने एक आवेदक के दृष्टिकोण पर आपत्ति जताई है दरअसल एक प्राइवेट फूड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने अपील की थी कि पराठा को खाकरा, प्लेन चपाती या रोटी की कैटेगरी में रखा जाना चाहिए।

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