खोरी निवासियों का घर से बेदखली के बाद अब सरकार ने उनके पूर्णवास का इंतजाम करते हुए नगर निगम द्वारा तैयारी करते हुए डबुआ कॉलोनी और बापू नगर में करीब ढाई हजार फ्लैट देने की तैयारी की है, जल्द इनका मरम्मत कार्य शुरू किया जाएगा।
दरअसल, वहीं खोरी वासियों के पुनर्वास और फार्म हाउस मामले में तीन अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इसके लिए नगर निगम ने तैयारियां शुरू कर दी है। साथ ही जानकारी के लिए बता दें कि पुनर्वास के लिए निगम ने तब तक पुनर्वास योजना में शामिल होने वाले लोगों को सरकार की ओर से दो हजार रुपये प्रति माह मकान के किराए के रूप में दिए जाएंगे।
यह बात उल्लेखनीय हो कि अरावली वन क्षेत्र में बसे खोरी गांव में तोड़फोड़ कार्रवाई को लेकर पिछले दिनों खोरी गांव रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से सुप्रीम कोर्ट के याचिका के माध्यम से लोगों ने कोर्ट से गांव में तोड़फोड़ कार्रवाई रोकने की मांग भी की थी, मगर नतीजन किसी के कानों में कोई जूं तक नहीं रेंगी।
इसके साथ ही 23 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हरियाणा सरकार से खोरी गांव के विस्थापित लोगों के पुनर्वास की संशोधित योजना को लेकर अधिसूचना जारी करने को कहा है।
गौरतलब, पिछले दिनों स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए हरियाणा सरकार को 31 जुलाई तक अधिसूचित करने का समय दिया था। इसके अलावा कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को यह छूट दी थी कि पुनर्वास योजना को लेकर यदि उनको कमी हो तो वो इसे समुचित आधार और तर्कों के साथ कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं।
सुप्रीम को कोर्ट अब इस मामले की अगली सुनवाई तीन अगस्त को होगी। इसके बाद ही तोड़फोड़ कार्रवाई की स्थिति साफ हो पाएगी कि फार्म हाउस सहित शिक्षण संस्थान, सोसाइटी और होटल बचेंगे या तोड़े जाएंगे। वहीं इस आदेश के बाद खोरी निवासियों में कुछेक ने अपना बोरिया बिस्तर बांधना भी शुरू कर दिया था, तो वहीं कुछ ने जिद्द ठान ली थी कि वह अपने घर को टूटने नहीं देंगे।