भारतीय हॉकी टीम की ढाल बना हरियाणा का ये छोरा, गोलकीपिंग में दिखाया अपना जलवा

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भारत में जापान में चलेंगे टोक्यो ओलंपिक 2020 में अपना जलवा दिखाना शुरू किया। टोक्यो ओलिंपिक में रविवार को भारतीय हाकी टीम ने ब्रिटेन को 3-1 से हराकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बना ली है। क्वार्टर फाइनल मैच के अंतिम समय में ब्रिटेन की टीम के गोल करने के प्रयास को कुरुक्षेत्र के सुरेंद्र कुमार पालड़ ने नाकाम कर दिया। गोल के सामने ढाल बने सुरेंद्र की हाकी स्टिक से यह गेंद मैदान से बाहर चली गई और उनका गोल का प्रयास विफल हो गया। इसने पूरे खेल का रुख बदल दिया।

इस मैच में भारतीय टीम ने 3 -1 से बढ़त बनाकर सेमीफाइनल में अपनी जगह बना ली है, अब भारतीय टीम का मुकाबला सेमीफाइनल में बेल्जियम के साथ होगा। दुनिया भर के हॉकी प्रेमियों की इस मैच पर नजर रहेगी ।गौरतलब है कि टोक्यो ओलिंपिक में पहुंची पुरुष भारतीय हाकी टीम में कुरुक्षेत्र का सुरेंद्र कुमार पालड़ भी हिस्सा ले रहा है।

भारतीय हॉकी टीम की ढाल बना हरियाणा का ये छोरा, गोलकीपिंग में दिखाया अपना जलवा

ओलिंपिक में पहले ही मैच से सुरेंद्र लगातार अपने शानदार खेल का प्रदर्शन कर रहा है। टीम की सबसे मजबूत कड़ी रक्षा पंक्ति में सुरेंद्र कुमार ने हर मैच में विरोधी टीम के गोल रोककर अपनी टीम को बढ़त दिलाई है। सुरेंद्र का खेल देख कुरुक्षेत्र के खेल प्रेमी भी गदगद हैं। अगले मुकाबले को जीतने के बाद सभी भारतीयों का सर गर्व से ऊंचा उठ गया है।

कुछ ऐसे दिखाया सुरेंद्र ने जलवा

भारतीय हॉकी टीम की ढाल बना हरियाणा का ये छोरा, गोलकीपिंग में दिखाया अपना जलवा

अर्जुन अवार्डी डा. दलेल सिंह ने बताते हुए कहा सुरेंद्र कुमार ने मैच के 57वें मिनट में विरोधी टीम के गोल के प्रयास को विफल कर दिया। गेंद सीधे गोल की ओर जा रही थी, इस गेंद को सुरेंद्र ने हाकी स्टिक से रोका और यह मैदान से बाहर चली गई। ऐसे में विरोधी टीम गोल करने में सफल नहीं हो सकी। द्रोणाचार्य स्टेडियम के हाकी कोच सोहन सिंह ने बताया कि गोल की ओर बढ़ रही गेंद के सुरेंद्र की हाकी स्टिक से बाहर चले जाने के बाद विरोधी टीम को लांग कार्नर से संतोष करना पड़ा।

चार दशक बाद फाइनल में पहुंची भारतीय हाकी टीम

भारतीय हॉकी टीम की ढाल बना हरियाणा का ये छोरा, गोलकीपिंग में दिखाया अपना जलवा

1972 के बाद भारतीय हाकी टीम अब सेमीफाइनल में जगह बनाई है। सुरेंद्र कुमार के प्रदर्शन से उसके परिवार में खुशी की लहर है। सुरेंद्र के पिता मलखान सिंह और भाई नरेंद्र ने बताया कि सुरेंद्र हर मैच में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।इससे पहले भी सुरेंद्र ने अपना जलवा दिखाया है ।

हाकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ का वर्ष 2011 में जूनियर नेशनल गेम के लिए प्रदेश की टीम में चयन हुआ। इस चेंपियनशिप ने टीम ने 50 साल बाद जीत दर्ज करवाई। इसके बाद तीन से 13 मई 2013 में मलेशिया में हुई जूनियर हाकी चेंपियनशिप में सुरेंद्र कुमार पालड़ ने भारतीय हाकी टीम की तरफ से खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन किया। इस टूर्नामेंट में भारत को कांस्य पदक मिला। वर्ष 2012 नवंबर माह में सुरेंद्र पालड़ का चयन फिर से भारतीय जूनियर हाकी टीम में हुआ। इस बार मलेशिया में जौहर कप में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया और इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम को दूसरा स्थान मिला। वर्ष 2013 में ही अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी सुरेंद्र पालड़ ने हालैंड व बेल्जियम में जूनियर भारतीय हाकी टीम की तरफ से टेस्ट सीरिज खेली और इस टेस्ट सीरिज में सुरेंद्र कुमार पालड़ का प्रदर्शन सराहनीय रहा। गत ओलिंपिक में भी सुरेंद्र ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था।

अब होने वाले मैच पर भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की नजरे बनी रहेगी और अगले मैच भी दो धुरंधर के बीच होने वाला है इसलिए मैच भी रोमांचक होगा ।यदि भारत इस मैच को जीतता है तो ये भी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगा । इसलिए आप भी भारतीय हॉकी टीम की जीत के लिए शुभकामनाएं दें।