SBI समेत अन्य बैंकों ने किए लाखों खाते बंद, देखें कहीं आपका अकाउंट भी तो नहीं है इस लिस्ट में

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सभी खाता धारकों के लिए आई बड़ी खबर। देश के सरकारी समेत सभी प्राइवेट बैंकों ने लाखों चालू खातों को बंद कर दिया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के कहने पर इन खातों को बंद किया गया है। इसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार केवल स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने ही करीब 60 हजार ग्राहकों के अकाउंट बंद कर दिए हैं।

SBI समेत अन्य बैंकों ने किए लाखों खाते बंद, देखें कहीं आपका अकाउंट भी तो नहीं है इस लिस्ट में

बता दें कि करंट अकाउंट बंद हो जाने से कई छोटे कारोबारियों को परेशानियां हो रही हैं। अगर ग्राहक ने किसी दूसरे बैंक से लोन लिया है तो बैंक इन ग्राहकों के चालू खाता नहीं खोल सकते हैं। RBI के इन नियमों के बारे में हम आपको बताते हैं-

खाते बंद करने के कारण

आपको बता दें कि RBI के इस नियम का मुख्य उद्देश्य कैश फ्लो पर नजर रखना और फंड्स की हेराफेरी पर लगाम लगाना है। RBI का कहना है कि नई गाइडलाइंस के मुताबिक, लोन लेने वाले कई बैंकों में चालू खाते खुलवाकर फंड्स की हेराफेरी कर रहे थे, जिसकी वजह से बैंक ने इन सभी ग्राहकों के खातों को बंद करने का आदेश दिया है।

SBI समेत अन्य बैंकों ने किए लाखों खाते बंद, देखें कहीं आपका अकाउंट भी तो नहीं है इस लिस्ट में

बैंक अधिकारी ने दी सूचना

RBI के नए नियम की वजह से ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। एक सरकारी बैंक के सीनियर अधिकारी ने ईटी को बताया कि हजारों अकाउंट्स बंद करने के लिए उन्हें मजबूर किया गया है। अगर अन्य सभी बैंकों की बात की जाए तो इसकी संख्या लाखों में हो सकती है।

मेल भेजकर दी जानकारी

SBI समेत अन्य बैंकों ने किए लाखों खाते बंद, देखें कहीं आपका अकाउंट भी तो नहीं है इस लिस्ट में

बैंक ने ग्राहकों को ईमेल और मैसेज भेजकर इस बारे में सूचना दी है। SBI द्वारा भेजे गए लैटर में कहा गया है कि RBI की ओर से जारी किए गए निर्देशों के तहत आपके चालू खाते को बंद किया जा रहा है। आप ब्रांच में कैश, क्रेडिट और ओवरड्राफ्ट की सुविधा का फायदा उठा सकते हैं। आपसे अनुरोध है कि 30 दिन के भीतर अपना करेंट अकाउंट बंद करने की व्यवस्था करें।

स्टेट बैंक ने 60 हजार से भी ज्यादा खातों को बंद कर दिया। पिछले साल बनाये गए नियम के अनुसार लोन लेने वाले का केवल उसी बैंक में चालू खाता हो सकता है जिसमें उसकी कुल उधारी का कम से कम दस फीसदी हिस्सा हो।