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जल है तो कल है, गाँवों में जागरूकता कैंप लगाकर किया जल शक्ति अभियान के लिए जागरूक

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फरीदाबाद, 2 अगस्त। उपायुक्त यशपाल के दिशा निर्देशन में सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा जल शक्ति अभियान के तहत किसानों को जागरूक करने के लिए विभिन्न गांवों में विभाग के अधिकारी व कर्मचारी गांव-गांव जाकर कैम्प लगा कर किसानों में जागरूकता ला रहे है।

इन कैम्पों का आयोजन अतिरिक्त उपायुक्त सतबीर मान के मार्ग दर्शन में किसानों को जल बचाने के लिए जागरूक कर उन्हें जल शक्ति अभियान बारे अन्य लोगों को प्रेरित करने के लिए तैयार कर रहे है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में पांच-पांच कैम्प जल शक्ति अभियान के लगा कर किसानों को जागरूक कर रहे है।

जल है तो कल है, गाँवों में जागरूकता कैंप लगाकर किया जल शक्ति अभियान के लिए जागरूक

कृषि विभाग के उप निदेशक डाँ अनिल कुमार ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा गत 15 जून से 512 कैम्पों का आयोजन 100 ग्राम पंचायतों जिनमें अगीपुर, धौज, जसाना, ददसिया, पाली, अटाली, अटेरना, अहदपुर, जवां, जाजरू व तिगांव अरूआ, अलीपुर, बदरौला, बरसी, घरोडा में किसानों को जलशक्ति अभियान के लिए जागरूक किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि जल संरक्षण के तहत किसानों को फव्वारा सिचाई यंत्र, टपका सिचाई विधी से खेतों में सिंचाई करने के लिए जागरूक किया जा रहा है ताकि जल का संरक्षण किया जा सके। उन्होंने बताया कि इसके अलावा किसानों को किसानों को अधिक पानी की खपत वाली फसल धान को छोड़कर मक्का, मूंग, सब्जी, प्याज, ग्वार व पशु चारे की खेती की बोआई करने के लिए प्रोत्साहन किया जा रहा है। क्योकि संचित जल का संरक्षण करके ही बेहतर कल बनना होगा।

जल है तो कल है, गाँवों में जागरूकता कैंप लगाकर किया जल शक्ति अभियान के लिए जागरूक

उन्होंने बताया कि इसके लिए जल शक्ति अभियान के तहत फसल विविधिकरण का लक्ष्य भी 100 प्रतिशत प्रति एकड़ मैपिंग (मेरी फसल मेरा ब्यौरा ) पोर्टल के माध्यम से किया जा रहा है। इसके लिए 100 प्रतिशत प्रति एकड़ का पजीकरण करते समय धान व बाजरे की बजाय अन्य फसल जो ली जा रही है। उन्हें मेरा पानी मेरी विरासत पर पंजीकरण किया जा रहा है।

जल है तो कल है, गाँवों में जागरूकता कैंप लगाकर किया जल शक्ति अभियान के लिए जागरूक

जिन किसानों ने घान छोड अन्य फसल बोई या खेत को खाली छोड़ा है उन्हें 7000/- रु0 प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशी दी जाएगी। इसी प्रकार बाजरा के स्थान पर मूंग, मूंगफली, अरहर, अरण्ड की फसल लेने पर 4000/-रु0 प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशी दी जाएगी।

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