हरियाणा सरकार का कारागार विभाग जेलों को लेकर एक बड़ा फैसला लेने जा रही है। अंग्रेजों के समय से चले आ रहे जेल और जेलर शब्द को तब्दील कर सुधारात्मक नाम रखा जाएगा।
जेल विभाग की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के बाद राज्य सरकार ने गृह सचिव की अध्यक्षता में आला अधिकारियों की एक कमेटी बनाई है। कमेटी से तीन नाम मांगे गए हैं। यहां से नाम तय होने के बाद 1894 प्रिजन एक्ट में बदलाव किया जाएगा।
प्रदेश सरकार की मंशा है कि यहां आने के बाद कैदी या बंदी यह न सोचे कि वह सजा काट रहा है, बल्कि सोचे कि उसे अब अपने जीवन में सुधार करना है। और ऐसा विभाग के नाम से ही शुरू हो, ताकि बंदियों पर इसका मानसिक असर पड़े। जेल अधिकारियों का कहना है कि विश्व स्तर पर भी जेल के बजाय करेक्शन होम ही नाम चलता है।
सरकार की ओर से जेलों में सुधार को लेकर गृह सचिव राजीव अरोड़ा, डीजी जेल शत्रुजीत कूपर, आईजी जेल जगजीत सिंह समेत अन्य अधिकारियों की एक जेल सुधार कमेटी बनाई गई है। कमेटी सुधारात्मक रिपोर्ट सरकार को देगी, इसके बाद आगामी प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
कमेटी से तीन नाम मांगे गए हैं, उनमें से एक नाम पर मुहर लगेगी। जेल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि करेक्शन होम या फिर सुधार गृह के नाम पर चर्चा चल रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में जेलों में सुधार करने को लेकर प्रयास जारी हैं।
जेल विभाग में नाम बदलने को लेकर गृह सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। इस रिपोर्ट के बाद एक्ट में बदलाव किया जाएगा।
– रणजीत सिंह चौटाला, जेल मंत्री।