प्रदेश सरकार ने अपनी नई औद्योगिक नीति जारी की थी। इसमें उद्यमियों को खुद का औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की छूट दी गई है। अब प्रदेश के नगर एवं ग्राम योजनाकार विभाग ने कृषि भूमि को खरीदकर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने को मंजूरी दे दी है।
उद्यमी दो एकड़ से लेकर 25 एकड़ जमीन खरीदकर औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें जमीन का सीएलयू (चेंज ऑफ लैंड यूज) करवाना होगा। इस नीति से उद्योग एक ही जगह पर विकसित हो सकेंगे। अभी तक अलग-अलग जगह पर अवैध इलाकों में उद्योग लगे हुए हैं।
शहर में डीएलएफ औद्योगिक क्षेत्र, सेक्टर-चार, पांच, छह, सेक्टर-15ए, सेक्टर-27, सेक्टर-24, सेक्टर-25, सेक्टर-57, 58, सेक्टर-59, एनआईटी औद्योगिक क्षेत्र, आईएमटी और हाईवे के दोनों ओर वैध औद्योगिक क्षेत्र हैं।
इसके अलावा शहर में सरूरपुर औद्योगिक क्षेत्र, कृष्णा कॉलोनी सेक्टर-25, गाजीपुर, मलेरना रोड, सीकरी,कारखाना बाग, गुरुकुल, साहूपुरा, जाजरू, मुजेसर, मुजेड़ी और कांवरा औद्योगिक क्षेत्र सहित अधिकांश कॉलोनियों में अवैध रूप से लघु उद्योग चल रहे हैं। शहर में कुल 21, 329 औद्योगिक इकाइयों में से 15 हजार औद्योगिक इकाइयां अवैध रूप से चल रही हैं। इन्हें सरकार की ओर से वैध घोषित नहीं किया गया है।
उद्यमी सरकार से लंबे समय से इन्हें नियमित करने की मांग करते आ रहे थे। मगर, अभी तक सरकार ने ऐसे औद्योगिक क्षेत्रों को नियमित करने के लिए नीति नहीं बनाई है। हालांकि, इन उद्योगों को नियमित करने का मामला सरकार के स्तर पर विचाराधीन है।
फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन प्रधान बीआर भाटिया ने प्रदेश सरकार की सीएलयू नीति का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि इससे औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। आईएमएसएमई ऑफ इंडिया के चेयरमैन राजीव चावला बताते हैं कि सरकार का यह अच्छा कदम है।
लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में नीलामी के जरिए महंगे प्लॉट मिलते हैं। इन्हें खरीदना हर किसी के लिए संभवन नहीं होता है। इस नीति से उद्यमियों को सस्ते प्लॉट मिल सकेंगे।