फरीदाबाद में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस का कहर अब फरीदाबाद की नीमका जेल में भी देखने को मिल रहा है। जिसके चलते अब पुलिस जिन आरोपियों को पकड़ रही है उन्हें सीधा नीमका जेल नहीं भेजा जा रहा है। बल्कि उनके लिए अलग से अस्थाई जेल तैयार करने पर प्रशासन कार्य कर रहा है।
दरअसल जब पुलिस पकड़े गए किसी आरोपी की कोरोना वायरस जांच कराती है तो उसकी रिपोर्ट आने में औसतन 3 से 4 दिन का समय लगता है। यदि आरोपी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो जेल में बन्द अन्य बंदियों समेत पुलिस कर्मियों के समक्ष भी संक्रमित होने की समस्या बनी रहती है। ऐसे में इन आरोपों के लिए जेल परिसर में ही अलग से अस्थाई झील बनाने पर विचार किया जा रहा है।
बता दे कि अब तक पुलिस द्वारा पकड़े गए कई आरोपी कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं इसी को मध्य नजर रखते हुए अब प्रशासन पुलिस द्वारा पकड़े जा रहे आरोपितों के लिए अलग से अस्थाई जेल बनाने की तैयारी कर रहा है।
फिलहाल नीमका जेल में पकड़े जा रहे आरोपितों के लिए अलग से दो बैरक निर्धारित किए गए हैं जिनमें हाल ही में पकड़े जा रहे आरोपीतो को रखा जा रहा है लेकिन आरोपितों की अधिक संख्या को देखते हुए यह बैरिक कम पड़ रहे हैं।
जेल प्रशासन बरत रहा सावधानी :-
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर नीमका जेल के अधीक्षक संजीव कुमार ने बताया कि जेल में संक्रमण को लेकर अधिक सतर्कता बरती जा रही है। क्योंकि जेल में कई आरोपित इस वायरस से संक्रमित पाए जा चुके हैं।
जेल में आ रहे नए आरोपितों के संक्रमित पाए जाने से जेल में बंद अन्य कैदियों के स्वास्थ्य को लेकर भी समस्या खड़ी हो जाती है। ऐसे में उच्च स्तर पर अलग से स्थाई जल बनाने पर विचार हो रहा है।
इसके अतिरिक्त रोजाना जेल में बैरकों को लगातार सैनिटाइज किया जा रहा है। प्रत्येक बंदी को मास्क दिए गए हैं और खाना देने से पहले सभी को हाथ धोने के लिए बोला जाता है। बाहर से जेल में जो भी सामान आता है उसे कुछ देर के लिए अलग रखा जाता है और जो चीजें सैनिटाइज हो सकती है उन्हें पहले सैनिटाइज किया जा रहा है।
नीमका जेल में वर्तमान में करीब ढाई हजार बंदी है जिनके खान पान का जेल प्रशासन द्वारा विशेष ध्यान रखा जा रहा है ताकि जेल में बंद कैदियों को इस महामारी की चपेट में आने से बचाया जा सके।