अरावली वन क्षेत्र की भूमि पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

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वन भूमि पर किसी भी तरह का निर्माण स्वीकार्य नहीं। सुप्रीम कोर्ट 23 जुलाई को दिए निर्णय पर अडिग। फरीदाबाद के गांव खोरी में वन क्षेत्र की भूमि से हटाए गए लोगों के लिए यदि विस्थापित केंद्र राधा स्वामी सत्संग भवन भी वन क्षेत्र में है तो उसे भी हटा दिया जाएगा। नगर निगम 23 अगस्त तक विस्थापितों के पुनर्वास की नीति लेकर आए।

सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेकर अरावली में फार्म हाउस चला रहे लोगों की तरफ से शीर्ष अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने तर्क दिया कि फार्म हाउस वन क्षेत्र की भूमि पर नहीं है। यह भूमि निजी है और शादी के लिए लोगों को दी जाती है।

अरावली वन क्षेत्र की भूमि पर अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट सख्त

कोर्ट ने सवाल किया कि यदि यदि फार्म हाउस वन क्षेत्र में नहीं हैं तो वे अदालत में क्यों आए। यदि उनके पास ऐसे कोई दस्तावेज हैं कि उनके फार्म हाउस वन क्षेत्र में नहीं हैं तो वे शुक्रवार तक नगर निगम फरीदाबाद को अपने कागजात दिखा दें। नगर निगम प्रशासन तब तक ऐसे निर्माणों के खिलाफ तोड़फोड़ की कार्रवाई कर सकता है जो बिना नक्शा पास कराए अवैध निर्माण हैं।