नहीं देखा होगा ऐसा स्कूल : नीचे से ऊपरी मंजिल तक पेड़ ही पेड़ साथ ही छात्रों को मिल रही हैं ये ख़ास सुविधाएँ

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    आमतौर पर सभी की यही धारणा बनी होती है कि स्कूल विद्या का मंदिर होता है। विद्या का मंदिर तो स्कूल होता ही है लेकिन पुणे में स्थित ये स्कूल बाकी स्कूलों से काफी ख़ास है। पुणे में बीते दशकभर में काफी आबादी बढ़ी। इसके साथ ही वहां प्रदूषण भी तेजी से बढ़ रहा है। खासकर वायु प्रदूषण के मामले में पुणे वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक खराब एयर क्वालिटी वाले शहरों में शामिल है। इसी समस्या को कुछ हद तक दूर करने के लिए एक आर्किटेक्चर फर्म ने नई पहल की।

    पुणे समेत आस-पास के इलाकों में भी लोग प्रदुषण से काफी परेशान हैं। लेकिन न्यूड्स नाम से ये फर्म एक अनोखा स्कूल बनाने जा रही है, जहां हर ओर पेड़-पौधों होंगे और जो पूरी तरह से इको-फ्रेंडली होगा। इसे फॉरेस्ट स्कूल कहा जा रहा है।

    नहीं देखा होगा ऐसा स्कूल : नीचे से ऊपरी मंजिल तक पेड़ ही पेड़ साथ ही छात्रों को मिल रही हैं ये ख़ास सुविधाएँ

    इस स्कूल की शिक्षा तो उच्च स्तर की होगी ही साथ में प्रकृति का ध्यान भी इसमें रखा गया है। इसके लिए जो डिजाइन तैयार किया गया है वो एकदम अनूठा है। ये वर्टिकल आकार में होगा, जिसमें आकार के ही मुताबिक पेड़ लगे होंगे। स्कूल में ऊपर की ओर साइकलिंग का रास्ता बना होगा। यानी बच्चे छत पर साइकिल चला सकेंगे। ऐसे अलग तरह के स्कूल के लिए न्यूड्स ने बाकायदा एक प्रतियोगिता जीती, जिसमें कई चरणों में उसने अपने इको-फ्रेंडली और सुरक्षित होने को साबित किया।

    नहीं देखा होगा ऐसा स्कूल : नीचे से ऊपरी मंजिल तक पेड़ ही पेड़ साथ ही छात्रों को मिल रही हैं ये ख़ास सुविधाएँ

    आने वाले कुछ ही सालों में इसका संचालन होने की उम्मीद लगाई जा रही है। स्कूल को देखें तो इसमें हर फ्लोर बेलनाकार आकृति में होगा जो ऊपर की ओर बढ़ता जाएगा। इन फ्लोर्स को ग्रीन नाम दिया जा रहा है। ये सारे ही एक-दूसरे से अलग होंगे और कोई न कोई नई बात स्टूडेंट्स को सिखाएंगे। बेलनाकार तरीके से बने इस फ्लोर को मेंटेन करने के लिए भी सर्विस ट्रैक होगा ताकि पेड़-पौधों की पूरी देखभाल हो सके और कोई भी पेड़ दूर होने के कारण उपेक्षित न रह जाए।

    नहीं देखा होगा ऐसा स्कूल : नीचे से ऊपरी मंजिल तक पेड़ ही पेड़ साथ ही छात्रों को मिल रही हैं ये ख़ास सुविधाएँ

    यह एक अनोखी पहल है जो प्रदुषण से लड़ने में काफी मददगार साबित होगी। शिक्षा के साथ – साथ पर्यावरण का भी इसमें ख्याल रखा गया है।