मिहिरभोज कार्यक्रम पर सियासत तेज, महापुरुषों व शहीदों की जाति पर उठे सवाल

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जाति विशेष से जोड़़ने को लेकर निर्दलीय विधायक और हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के चेरमैन नयनपाल रावत ने सवाल उठाया है। जिसके बाद अब एक बार फिर हरियाणा में अब महापुरुषों के नाम पर भी सियासत तेज होने लगी है।

दरअसल, जानकारी के मुताबिक यह कार्यक्रम 8 अगस्‍त को होना है। इस कार्यक्रम को इससे पहले रोहतक और सांपला में किसान नेता सर छोटूराम पर होनेवाले कार्यक्रमों को लेकर सियासत होती रही है।

मिहिरभोज कार्यक्रम पर सियासत तेज, महापुरुषों व शहीदों की जाति पर उठे सवाल

बताते चलें कि भारत के यशस्वी सम्राट रहे मिहिरभोज को गुर्जर समुदाय अपना पूर्वज मानता है। वहीं यही कारण है कि गुर्जर समुदाय के लोग ही इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं। इसे लेकर हरियाणा वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के चेयरमैन तथा पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने कहा कि महापुरुषों व शहीदों को जाति से जोड़ना गलत है।

वहीं नयनपाल रावत ने कहा कि वह इस कार्यक्रम के बारे में केंद्रीय राज्‍य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर से बातचीत करेंगे। इसके साथ ही मुख्यमंत्री के समक्ष भी यह मुद्दा उठाएंगे। रावत ने कहा कि महाराजा अनंगपाल तोमर व राजा नाहर सिंह तोमर की जयंती समारोह को कुछ लोग जाति विशेष से जोड़कर भी कार्यक्रम करना चाहते हैं।

मिहिरभोज कार्यक्रम पर सियासत तेज, महापुरुषों व शहीदों की जाति पर उठे सवाल

उन्‍होंने कहा कि महापुरुष किसी एक जाति व विशेष वर्ग के नहीं होते, बल्कि पूरे समाज के मार्गदर्शक होते हैं। इसलिए उनके जयंती समारोहों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उनके जयंती समारोहों को सभी वर्गों को आपस में मिलकर पूरे सद्भाव के साथ मनाना चाहिए ताकि उनके आदर्श व शिक्षाएं समाज को नई दिशा दिखा सके।

उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने महापुरुषों व संतों की जयंती को सरकारी तौर मनाने की जो नई परंपरा शुरू की है उससे सभी संतों व महापुरुषों का सम्मान बढ़ा है। हरियाणा सरकार उन्हें पूरे श्रद्धाभाव से नमन भी करती है ताकि सभी वर्गों में आपसी सौहार्द बना रहे। इस भावना का सभी को आदर करना चाहिए और इसी के अनुरूप इस तरह के आयोजन करने चाहिए। वैसे तो हम भी किसी जाति विशेष को लेकर किसी प्रकार की बात करके किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते।