दिल्ली, 5 अगस्त। राज्य सभा में आज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु क्वालिटी प्रबंध आयोग विधेयक में किसानों के खिलाफ असीमित जुर्माना लगाने के प्रावधान का कड़़ा विरोध करने और किसान आन्दोलन में शहीद किसानों का नाम लेते ही दीपेंद्र हुड्डा का माइक फिर बंद कर दिया गया।
इससे आहत दीपेंद्र हुड्डा ने सवाल किया कि क्या संसद में किसान की बात करना गुनाह है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लाये गये इस बिल के अनुच्छेद 15 पर उनको सख्त एतराज है।
यह अनुच्छेद सीधे किसान से संबंधित है। इसमें आयोग द्वारा किसानों पर असीमित जुर्माना लगाने का प्रावधान किया जा रहा है। न तो ये स्वीकार्य है न ही व्यवहारिक है। आखिर घुमा-फिराकर सरकार किसान पर ही बार-बार चोट क्यों कर रही है। प्रदूषण को ख़त्म करने की जरूरत है किसान को नहीं।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु क्वालिटी प्रबंध आयोग विधेयक 2021 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने जैसे ही किसानों की मांग सदन में रखते हुए किसान आन्दोलन में शहीद हरियाणा के किसान किसान अजय मोर, संजय सिंह, किताब सिंह चहल आदि का नाम लेना शुरु किया।
उनका माइक फिर से बंद कर दिया गया और पीठासीन उप-सभापति ने उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी। इसके बाद विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया और सदन में जय जवान, जय किसान के नारे लगाये।
इससे पहले दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि देश प्रदूषण रहित होना चाहिए लेकिन किसान रहित नहीं होना चाहिए। किसान का नाम लेते ही माइक बंद करने की प्रथा ठीक नहीं। सासंद दीपेंद्र हुड्डा ने यह भी कहा कि वायु क्वालिटी प्रबंध आयोग विधेयक हरियाणा के लिये भी महत्वपूर्ण है। हम सभी चाहते हैं हरियाणा और एनसीआर प्रदूषण रहित हो और हम अगली पीढ़ी को अच्छा वातावरण दें।