महामारी के कारण लगे लॉकडाउन में सभी की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हो गयी थी। हर किसी ने काफी बुरे दिन देखे थे। संक्रमण के प्रसार रोकने के लिए देश में लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। 24 मार्च से जारी इस लॉकडाउन के बीच कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिसने हर किसी को गमगीन कर दिया। चाहे प्रवासी मजदूरों का पैदल बड़े शहरों से पलायन हो या फिर ट्रेन, ट्रक हादसे या भूख और गरीबी से परेशान लोग।
आज भी उन पलों को याद कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। लोगों के काम ठप हो गए थे। उस समय कई ऐसी तस्वीरें आईं, जिसने लोगों की आंखें नम कर दीं। इस बीच एक और ऐसी ही खबर सामने आई है, जहां एक युवक ने भूख और गरीबी से परेशान अपने परिवार को घर तक पहुंचाने के लिए चोरी का सहारा लिया।
उस युवक के पास कोई संसाधन नहीं था। पैसों की कमी थी। लाचार घूम रहा था। दरअसल, घटना तमिलनाडु के कोयंबटूर की है, जहां चाय की दुकान पर काम करने वाला शख्स लॉकडाउन के बीच गरीबी से काफी परेशान हो गया। अपने परिवार को भुखमरी से बचाने के लिए युवक ने पहले तो एक बाइक चुराई और फिर अपने बीवी-बच्चों को उस बाइक से लेकर घर पहुंचा। जैसे ही युवक का काम हो गया, उसने करीब दो हफ्ते बाद बाइक को पार्सल के जरिए बाइक के मालिक के पास वापस भेज दिया।
इस घटना ने उस युवक की इंसानियत को नमन करवाया। काफी चर्चा उस युवक की शहर में हो रही है। बाइक के मालिक एक व्यवसायी हैं, जो इंजीनियरिंग टूल बनाने की यूनिट चलाते हैं। बाइक के मालिक सुरेश कुमार को पार्सल वाले ने फोन कर बाइक की सूचना दी। जिस पर सुरेश हैरान रह गए। जहां उन्हें अपनी बाइक मिलने की खुशी हुई तो वहीं पे ऑन डिलेवरी के ऑप्शन से थोड़ी निराशा हुई।
खोयी हुई चीज को वापस पाकर मालिक काफी खुश हुए। बाइक भेजने वाले शख्स ने आर्थिक तंगी के चलते पार्सल के पैसे नहीं दिए थे, जिसके चलते सुरेश कुमार को खुद ही पार्सल के पैसे देने पड़े।