फरीदाबाद : सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों पर अरावली में बने हुए अवैध निर्माणों को तोड़ने से पहले वन विभाग ने बुधवार को ड्रोन से सर्वे किया। इस सर्वे में निर्माणों की संख्या, बनावट, क्षेत्रफल की रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी। उधर, नगर निगम भी इस मामले को लेके सख्ती से जांच कर रहा है कि यहां कितने संस्थानों ने सीएलयू के लिए आवेदन किया हुआ है और कितने को मिला हुआ है।
इन संस्थानों को कई विभागों से भी एनओसी दी जा चुकी है। इसकी कंपाइल रिपोर्ट 6 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में भिजवानी है। इसलिए वन विभाग और निगम अधिकारी रिपोर्ट तैयार करने में जुट गए हैं। बता दें कि वन विभाग की जमीन पर काफी संस्थान हैं जो सालों से चल रहे हैं। इन संस्थानों ने नगर निगम में सीएलयू के लिए आवेदन भी किया है। संस्थानों ने वन विभाग से एनओसी भी नहीं ली हुई है।
बता दें, वन क्षेत्र में केवल दो संस्थान ऐसे हैं जिन्होंने वन विभाग से एनओसी ली हुई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि जो निर्माण वन क्षेत्र में हैं, वह सभी तत्काल रूप से हटाए जाएंगे। इसके लिए प्रशासन को 23 अगस्त का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट में 23 जुलाई को हुई सुनवाई में भी अरावली से अवैध निर्माण हटाने के लिए कहा गया था। इसके बाद अवैध फार्म हाउस संचालक राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट गए थे परंतु अब इन्हें राहत नहीं मिली है।
जिस तरह से खोरी गांव की बस्ती को तोड़ा गया, वनों को बचाने के लिए हजारों मकान तोड़े गए लेकिन उन्हीं वनों पर अब फार्म हाउस व अन्य संस्थान भी है इसलिए उनके प्रति भी सख्ती से पेश आना चाहिए इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को भी अपने संज्ञान में ले लिया ।