इंसानों का डीएनए टेस्ट जैसी बातें तो आपने सुनी ही होगी। लेकिन इस दुनिया में ऐसी बहुत सी बातें सुनने को मिल जाती हैं जिसपर यकीन कर पाना कठिन हो जाता है। एमपी के होशंगाबाद से एक ऐसा ही बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक कुत्ते को लेकर शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ गया कि इसके निपटारे के लिए DNA टेस्ट कराना पड़ गया।
विवाद लगातार बढ़ रहा था। पुलिस को मामला निपटाना था। दरअसल, एक कुत्ते को लेकर दो शख्स के मालिकाना हक वाले विवाद को सुलझाने के लिए कुत्ते का डीएनए टेस्ट कराया गया। बता दें कि लैब्राडॉर ब्रीड के इस कुत्ते के लिए शादाब खान और कार्तिक शिवहरे अपने-अपने मालिकाना हक का दावा कर रहे थे।
कुत्तों से लगाव ऑलमोस्ट सभी को होता है। सभी इस जानवर को पसंद करते हैं। इसलिए यह इतनी आगे बढ़ गयी। पूरा मामला पिछले साल शुरू हुआ था, जिसका निपटारा अब जाकर हुआ है। DNA टेस्ट में मालूम चला कि कुत्ता कार्तिक शिवहरे का नहीं बल्कि शादाब खान का है। बीते साल नवंबर में कुत्ते को लेकर मालिकाना हक के लिए शादाब खान और कार्तिक शिवहरे ने होशंगाबाद के देहात थाना में शिकायत दर्ज कराई थी।
पूरे इलाके में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। बने भी क्यों न है ही ऐसा मामला। शादाब खान पेशे से एक पत्रकार हैं, जिन्होंने बताया कि वे इस कुत्ते को पचमढ़ी से लाए थे। वहीं, एबीवीपी के कार्यकर्ता कार्तिक ने बताया कि वे इस लैब्राडॉर को बाबई से खरीदे थे। हालांकि, पुलिस के लिए बड़ी समस्या उस वक्त खड़ी हो गई जब कुत्ता दोनों ही शख्स के पास पहुंच जा रहा था, मानो दोनों ही उसके मालिक हैं। यह मामला देखने में जितना सीधा लग रहा था, असल में यह उतना ही टेढ़ा था।
पुलिस के लिए समस्या बढ़ती जा रही थी। कुछ समझ नहीं आ रहा था। काफी कोशिशें करने के बाद भी जब यह मामला नहीं सुलझा तो पुलिस ने कुत्ते का डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया।