फरीदाबाद में मूर्ति स्थापना को लेकर अखिल भारतीय और क्षत्रिय समाज का हुआ आमना सामना

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8 अगस्त को गांव आनंदपुर में होने वाले मूर्ति स्थापना कार्यक्रम को लेकर विवाद है कि थमने का नाम नहीं ले रहा हैं। इस कार्यक्रम को लेकर विवाद इतना बढ़ चुका है कि अब अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा और क्षत्रिय समाज से जुड़े विभिन्न संगठन आमने-सामने आ गए हैं।

वहीं सम्राट मिहिर भोज और राजा अनंगपाल प्रथम की स्थापना कार्यक्रम को लेकर
बृहस्पतिवार को अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा की तरफ से प्रेस वार्ता कर सम्राट मिहिर भोज व राजा अनंगपाल सहित प्रतिहार, परमार, चौहान, तोमर, भाटी, चावड़ा, चंदेल वंश को गुर्जर होने का दावा किया गया।

फरीदाबाद में मूर्ति स्थापना को लेकर अखिल भारतीय और क्षत्रिय समाज का हुआ आमना सामना

वहीं इस प्रेसवार्ता में बताया गया कि प्रतिमा स्थापना कार्यक्रम में 16 राज्यों से गुर्जर समाज के लोग भाग लेंगे। इतिहासकार डॉ. जितेश गुर्जर व आचार्य वीरेंद्र विक्रम ने शिलालेखों और पुस्तकों का संदर्भ देते हुए दावा किया कि सम्राट मिहिर भोज और राजा अनंगपाल गुर्जर शासक थे।

तो वहीं दूसरी ओर शुक्रवार को क्षत्रिय समाज के विभिन्न संगठन अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेश रावत, करणी सेना के प्रमुख सूरजपाल अम्मू, शिक्षाविद ऋषिपाल चौहान, ठाकुर राजाराम, नारायण सिंह शेखावत, रोहतास चौहान, संजीव चौहान, वीरेंद्र गौड़ आदि पदाधिकारी एक पत्रकार वार्ता में एकत्रित हुए और गुर्जर महासभा पर इतिहास व प्रमाण के साथ छेड़छाड़ व माहौल बिगाड़ने के आरोप लगाए गए।उन्होंने कहा कि मूर्ति स्थापना से एतराज नहीं है, पर किसी महापुरुष को जाति के बंधन में बांधना गलत है।

फरीदाबाद में मूर्ति स्थापना को लेकर अखिल भारतीय और क्षत्रिय समाज का हुआ आमना सामना

महापुरुष की कोई जाति नहीं होती। मूर्ति स्थापना का जो कार्यक्रम रखा गया है और निमंत्रण पत्र में मेरा नाम व फोटो का प्रयोग किया गया है, उसके बारे में मेरे से कोई अनुमति नहीं ली गई और न ही मेरा इससे संबंध है। फिलहाल इस मुद्दे पर किसी ने विशेष टिप्पणी नहीं दी गई।