121 साल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, हर वर्ष पैदा हो रहे हरियाणा में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी, आखिर ऐसा क्या है इसकी माटी में

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हरियाणा के खिलाड़ी हर खेल में भारत का परचम लहरा देश को गर्वांवित महसूस कराते हैं। हरियाणा सरकार लंबे समय से खिलाड़ियों को तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। जितनी सुविधाएं हरियाणा में हैं उतनी किसी और राज्य में नहीं है।

बीते कुछ सालों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उनके लिए लोग प्रदेश सरकार की खेल नीतियों की सराहना कर रहे हैं और अन्य राज्य इसे सीख की तरह मान रहे हैं।

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इस बार टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के कुल 127 खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया जिसमें से 31 खिलाड़ी हरियाणा से हैं। महिला हॉकी के 9, कुश्ती के 7, बॉक्सिंग के 4 और शूटिंग के चार खिलाड़ियों ने ओलंपिक में हिस्सा लेने गए थे।

खास बात तो यह है कि ओलंपिक में चुने जाने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को उसकी तैयारियों के लिए 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके अलावा मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को हरियाणा सरकार पुरस्कृत भी करती है।

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हरियाणा में खिलाड़ियों को मिलती हैं ये सुविधाएं

बुनियाद: खिलाडियों का सबसे पहले स्कूल व कॉलेज स्तर पर बेस बनाना जरूरी होता है। बचपन से ही उनकी नींव मजबूत करने पर जोर देना है। हरियाणा में स्कूल व कॉलेज राष्ट्रीय पदक विजेता को 20 हजार से 50 हजार रुपए तक कैश अवाॅर्ड भी दिया जाता है। यहां खेल नर्सरियां भी बनाई गई हैं, जहां ट्रेनिंग के साथ खिलाड़ियों को प्रोत्साहित भी किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय मेडल पर आउट ऑफ टर्म नौकरी भी दी जाती हैं लेकिन अन्य राज्यों में ऐसा नहीं।

सुविधाएं: हरियाणा सरकार खिलाड़ियों को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराती है। ढाई करोड़ आबादी वाले हरियाणा में साई के कुल 22 सेंटर हैं। 23 करोड़ आबादी वाले यूपी में 20 सेंटर, 8 करोड़ की आबादी वाले राजस्थान में 10 सेंटर हैं।

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कोच: हरियाणा में अंतर्राष्ट्रीय मेडल वाले खिलाड़ी के कोच को भी पुरस्कृत किया जाता है। कोच को 2 लाख से 20 लाख रुपए तक इन्सेंटिव दिया जाता है। खिलाड़ी के साथ–साथ कोच को भी ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा जाता है।

बजट: तीन साल से केंद्र का खेल बजट सालाना औसतन 890 करोड़ रहा। प्रदेश का खेल बजट 300 करोड़ से ज्यादा है। हरियाणा में इस बार का खेल बजट 394 करोड़ है।

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प्रोत्साहन राशि: 2001 में हरियाणा में ओलिंपिक गोल्ड पर 3 करोड़ रुपए दिए जाते थे। अब गोल्ड पर 6, सिल्वर पर 4, ब्रान्ज पर 2.5 करोड़ व चौथे नंबर वाले को 50 लाख रु. दिए जा रहे हैं। खिलाड़ियों को ओलिंपिक की तैयारी के लिए 15 लाख रुपए दिए जाते हैं। मेडल अनुसार ए, बी और सी श्रेणी के अनुसार नौकरियां दी जाती हैं।

हरियाणा की इन नीतियों के कारण प्रदेश के खिलाड़ियों को अच्छी सुविधाएं मिल पाती हैं। हरियाणा के खिलाड़ियों ने कॉमनवेल्थ गेम्स से लेकर ओलंपिक तक अपना परचम लहराया। भारत में हरियाणा को मेडल की जन्मभूमि कहा जाता है।

ओलंपिक में भारत का धमकेदार प्रदर्शन

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नीरज चोपड़ा: जैवलिन में स्वर्ण पदक हासिल कर इतिहास रचने वाले नीरज चोपड़ा ने देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। ऐसा नहीं है कि इन्होंने पहली बार गोल्ड जीता है। कॉमनवेल्थ गेम्स से लेकर एशियाई खेलों में भी नीरज स्वर्ण पदक विजेता रहे हैं। वहीं एशियन जूनियर चैंपियनशिप में इन्होंने रजत पदक जीता। एथलेटिक्स में नीरज को अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।

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मीराबाई चानू: ओलंपिक 2020 में देश के लिए पहला मेडल लाने वाली मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में महिला 49 किग्रा कैटेगरी में रजत पदक हासिल किया। खेलों के प्रति उनके योगदान को देख सरकार ने मीराबाई चानू को पद्मश्री से भी सम्मानित किया।

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रवि दहिया: भारत के लिए दूसरा रजत प्राप्त करने वाले पुरुष फ्रीस्टाइल 57 किग्रा कैटेगरी में रवि कुमार दहिया ने एक बार फिर देश का नाम ऊंचा कर दिया। वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2019 में कांस्य पदक विजेता के साथ दो बार एशियाई चैंपियन भी रहे हैं।

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पीवी सिंधु: बैडमिंटन में विश्व की टॉप 3 खिलाड़ियों में पीवी सिंधु का नाम भी शामिल है। इन्हें बैडमिंटन में पद्मश्री, पद्म भूषण, अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया।

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लवलीना बोरगोहेन: ओलंपिक में भारतीय बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन 69 किग्रा वेल्टर वेट केटेगरी में इतिहास रचने से चूक गईं। लवलीना बॉक्सिंग में स्वर्ण और कांस्य पदक विजेता रहीं। लवलीना को बॉक्सिंग में अर्जुन वार्ड से भी सम्मानित किया गया। लवलीना यह अवार्ड प्राप्त करने वाली असम की छठी व्यक्ति हैं।

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बजरंग पुनिया: 65 किग्रा वेट कैटेगरी के फ्रीस्टाइल रेसलर बजरंग पुनिया ने ओलंपिक 2020 में कुश्ती में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। इन्हें कुश्ती में अर्जुन अवार्ड, पद्मश्री, राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।

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पुरुष हॉकी टीम: भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ओलंपिक 2020 में 41 साल बाद कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया। मनप्रीत सिंह की कप्तानी में तीन बार की चैम्पियन जर्मनी को 5-4 से हराकर भारत ने यह पदक अपने नाम किया।

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महिला हॉकी टीम: दुनिया की दूसरी ताकतवर टीम ऑस्ट्रेलिया को हराकर सेमीफाइनल में कदम रखने वाली महिला हॉकी टीम ने इतिहास रचा क्योंकि भारत महिला हॉकी में पहली बार सेमीफाइनल तक पहुंची। सेमीफाइनल में भारत और ब्रिटेन की कड़ी टक्कर के बाद ब्रिटेन ने बाजी मार ली। हार के बाद भी देशवासियों ने महिलाओं का जोरदार स्वागत किया। हॉकी में हुई हार के बावजूद महिलाओं ने देशवासियों का दिल जीत लिया।