जल्द ही विधानसभा सत्र आयोजित हुई तो हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेसी नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा द्वारा पेपर लीक करने के मामलों को उजागर किया जाएगा। दरअसल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि हरियाणा की गठबंधन सरकार द्वारा परचून की दुकान पर सामान की तरह नौकरियां बिक रही हैं। तभी तो एक के बाद एक पेपर लीक घोटाले सामने आ रहे हैं।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने तो यह तक भी कह दिया अगर ओलंपिक में पेपर लीक करने की कोई इवेंट होती तो हरियाणा सरकार को पक्का स्वर्ण पदक मिलता। उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि पिछले कुछ साल में शायद ही ऐसी कोई भर्ती हुई हो, जिसका पेपर लीक न हुआ हो। बिना उच्च पद पर बैठे व्यक्ति की संलिप्तता के यह संभव नहीं है।
हुड्डा ने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान छह साल में दो दर्जन से ज्यादा पेपर लीक के मामले सामने आ चुके हैं। एक ही साल में ग्राम सचिव और कांस्टेबल जैसी दो बड़ी भर्तियों का पेपर लीक होना आम बात नहीं है।
बावजूद इसके आज तक सरकार ने किसी बड़े पदाधिकारी की जांच नहीं की करवाई। भर्तियों में धांधलेबाजी के चलते कुछ साल पहले हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पर छापे मारे गए थे। तब पता चला था कि बीजेपी सरकार के दौरान हर भर्ती के रेट फिक्स हैं।
5 लाख से 10 और 20 लाख रुपये में नौकरियों को बेचा जा रहा था। भर्तियों में धांधलेबाजी को लेकर खुद हाईकोर्ट सरकार को कई बार फटकार लगा चुका है। आज प्रदेश का युवा देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है। साथ ही उन पर भर्ती घोटालों की मार पड़ रही है।