जिला उपायुक्त जितेन्द्र यादव ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार कोटपा अधिनियम-2003 के अनुसार जिस विभाग को जो दायित्व मिला है। उसे पूरा करना सुनिश्चित करें।जिला में धुम्रपान निषेध अधिनियम के क्रियान्वयन से जुड़े विभिन्न विभागों के अधिकारी कोटपा अधिनियम 2003 की हिदायतों अनुसार अपने विभागों के कार्यालयों में इसके नियमों की पालना सुनिश्चित करें।
एडीसी सतबीर मान को कोटपा का नोडल अधिकारी लगाया गया है उन्होंने बताया कि जिला में धूम्रपान निषेध ऑफ का अधिनियम के तहत सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने हुए और सिगरेट की खुली बिक्री पर पूर्णतया प्रतिबंध है। यदि कोई ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ अनुसार आता अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जानी सुनिश्चित करें।
एडीसी ने बताया कि सिग्रेट एवं अदर तंबाकू प्रोडक्ट्स एक्ट (कोटपा) 2003 के तहत
कैद /जुर्माना लागाने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि
सार्वजनिक स्थानों पर सिगरेट पीने पर और कोपटा के नियमों का उल्लंघन करने पर प्रति उल्लंघन 200 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है।
नियमानुसार होटल, रेलवे स्टेशन,राजकीय,नीजी कार्यालय, बस अड्डे, सिनेमा हॉल, विद्यालय,
महा-विद्यालय आदि सभी सार्वजनिक स्थानों की सीमा के भीतर सार्वजनिक स्थान के स्वामी, प्रबन्धक
अथवा प्रभारी आदि द्वारा धूमपान नही होने देना।सार्वजनिक स्थान पर सही आकार व संख्या में अधिनियम अनुसार धूमपान मुक्त क्षेत्र’ के चेतावनी बोर्ड न लगाना, मुख्य द्वार पर लगे चेतावनी बोर्ड पर सम्बंधित विभाग के नोडल अफसर का नाम,फोन नंबर लिखा होना जरूरी है ।
सार्वजनिक स्थान पर ऐश-ट्रे, लाईटर, माचिस इत्यादि धूमपान के प्रमाण पाए जाने पर तथा कू उत्पादों का पत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष ढंग से बोर्ड, टीवी, प्रथम उल्लंघन करने पर 2 वर्ष के कारावास का प्रावधान किया गया है। किसी भी सार्वजनिक स्थानों परपैफलिट, स्टिकर होटिंग इत्यादि द्वारा विज्ञापन करने पर 1000 रुपए तक जुर्माना
तम्बाकू उत्पादों का प्रचार (Promotion) अधिनियम में शामिल है।
यह उलघंन करने पर 5 वर्ष का कारावास
तंबाकू कपनियों से प्रायोजन/Sponsorship लेना भी शामिल है। कोपटा की हिदायतों के अनुसार 5000 रुपये की धनराशि तक का जुर्माना और तंबाकू उत्पाद बेचना तथा उससे बिकवाना प्रति उल्लंघन 200 रुपये तक धनराशि का प्रावधान किया गया है।
शैक्षणिक संस्थान के बाहर अधिनियम अनुसार चेतावनी बोर्ड न होना, उस तम्बाकू उत्पाद को बनाना या बेचना जिस पर अधिनियम निर्माता हेतु दण्ड अनुसार चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी न छपी हो तो अप्रैल 2016 प्रथम बार 2 वर्ष तक की कैद सजा भी सुनाई गई है।
इसके बाद सभी तम्बाकू उत्पादों के पैकेट पर दोनों तरफ अधिनियम तथा /या 5000 रुपए तक जुर्माना
अनुसार मुख्य भाग पर 85 प्रतिशत चित्र सहित स्वास्थ्य चेतावनी या दो से 5 वर्ष तक की कैद हो सकती है या 10 हजार रुपये तक जुर्माना
खुली सिग्रेट, बोड़ी अथवा अन्य तंबाकू उत्पाद बेचने पर
विक्रेता को दण्ड
प्रथम बार 1 वर्ष तक की कैद
तथा/या 1000 रुपये तक जुर्माना शामिल है।इसी प्रकार 2 वर्ष तक की कैद
द्वितीय बार
तथा तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को नियमित रूप से न चलाने पर प्रावधान है।
जुनायल जस्टिस एक्ट (2015) (बाल न्याय अधिनियम-2015) के अंतर्गत अव्याक को तंबाकू उत्पाद
बेचने/पेश करने पर कार्यवाही करना। प्वाइजन एक्ट (विध अधिनियम) के अंतर्गत ई-सियेट व हुक्का बार पर कार्यवाही करना शामिल हैं।
मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत गाड़ी/वाहन चलाने पर में सिगरेट पीने पर कार्यवाही करना शामिल है।
काला- बाज़ारी के अंतर्गत तंबाकू विक्रेताओं पर नकेल कसना भी
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम- 2006 में शामिल है।
उन्होंने कहा कि सार्वेजनिक स्थानों पर धुम्रपान पूर्णतया निषेध है और इसको सभी विभागों के अधिकारी अपने कार्यालयों तथा सार्वेजनिक स्थानों पर सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार नियमानुसार कार्रवाई करना सुनिश्चित क।रें जो लोग सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करते पाए जाए , उनके चालान काटना भी सुनिश्चित करें।
उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारी को कहा कि वे अपने विभाग तथा किसानों के साथ अन्य बैठकों में कोटपा के नियमों बारे उन्हें जागरूक करें और जो नियमों के उल्लंघन करता पाया जाता है उसके खिलाफ चालान काटना सुनिश्चित करें। जिला शिक्षा अधिकारी को संबोधित करते हुए एडीसी सतबीर मान ने कहा कि सभी सरकारी तथा गैर विद्यालयों में कोटपा अधिनियम को पूर्णतया लागू करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि सभी प्राइवेट स्कूलों में भी नियमानुसार बैठके करके उन्हें सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार दिशा निर्देश दें।
एडीसी ने हरियाणा राज्य परिवहन, पुलिस तथा अन्य विभागों के अधिकारियों को कहा कि वे अपने सम्बंधित कार्यालयों में भी कोटप्पा के नियमानुसार लोगों को जागरूक करें तथा जो लोग इसकी उलघंना करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ चालान काटना सुनिश्चित करें।
बैठक का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाँ विनय गुप्ता ने भी गत दिवस किया गया था। स्वास्थ्य विभाग की कोटपा नोडल अधिकारी डॉ नरेंद्र कौर बनाया गया है।