फरीदाबाद सहित पूरे हरियाणा की कालोनियों में पार्क, खेल मैदान, सड़कें और सामुदायिक केंद्रों सहित तमाम कामन प्लेस है जिन्हें सरकार को स्वीकृति के बाद बनाने की अनुमति दी गई थी। मगर अब परिणाम यह निकल कर बाहर आए हैं कि ये सामुदायिक स्थान प्रापर्टी डीलरों के नाम पर हैं।
जिसके बाद अब शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज ने महकमे के अतिरिक्त मुख्य सचिव को तुरंत प्रभाव से ऐसी संपत्तियों को सरकार के नाम कराने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि राजस्व रिकार्ड में अधिकतर स्थानों पर यह प्रापर्टी अभी भी प्रापर्टी डीलर्स के नाम होने चलते इस जमीन के बेचने की आशंका हमेशा ही बनी रहती है। वैसे तो सामान्यत कई स्थानों पर सामुदायिक जगह को लेकर झगड़े भी चल रहे हैं।
लोगों द्वारा उनके जीवनभर की कमाई गलत हाथों में न चली जाए और उनके साथ कोई धोखा न हों, इसलिए तमाम वैध कालोनियाें में कामन प्लेस सरकार के नाम दर्ज कराने की मुहिम छेड़ी गई है।
वहीं, प्रदेश सरकार राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) सहित पूरे प्रदेश में अवैध रूप से बसी 1200 कालोनियों को नियमित करने की तैयारी में है। नई कालोनियों को मंजूरी मिलने से यहां के बाशिंदों को बिजली, पानी, सीवर जैसी सुविधाएं मिलने लगेंगी। हालांकि इसके लिए विकास शुल्क लिया जाएगा। इन कालोनियों को नियमित करने के लिए सरकार के पास पहले ही आवेदन आए हुए हैं।
सबसे ज्यादा अवैध कालोनियां गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत इत्यादि जिलों में हैं। इन कालोनियों को मंजूरी मिलते ही यहां पर मौजूद कामन प्लेस को राजस्व रिकार्ड में सरकारी खाते में चढ़ाया जाएगा ताकि प्रापर्टी डीलर और डेवलपर्स कोई गोलमाल न कर सकें। इससे पहले सितंबर 2018 में 535 अवैध कालोनियां मंजूर की गईं थी। इनमें से अधिकतर कालोनियों में सामुदायिक जमीन प्रापर्टी डीलरों के नाम होने से विवाद चल रहे हैं। सरकार के खाते में यह जमीन चढ़ने से लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।