टोक्यो ओलंपिक में जहां एक और भारतीय खिलाड़ियों ने अपने बेहतर प्रदर्शन से देश को स्वर्ण पदक सहित 7 पदक दिए, वहीं दूसरी और कुछ भारतीय पहलवान अपने रंग में नहीं दिखे तो कुछ को अनुशासनहीनता व दुर्व्यवहार के लिए नोटिस जारी किया गया। यदि देश के पहलवान भी उम्मीदों पर खरे उतरते हो तो देश की झोली में और भी पदक आ सकते थे।
ओलंपिक खेलों में अभियान के दौरान स्टार पहलवान विनेश फोगाट को स्थाई रूप से निलंबित किया गया तो दुर्व्यवहार के लिए युवा सोनम मलिक को भी नोटिस जारी किया गया।
द्रोणाचार्य अवॉर्डी पहलवान महावीर फोगाट ने कुश्ती में भारतीय पहलवानों के कमजोर प्रदर्शन के तीन मुख्य कारण बताए हैं। पहले कारण में उन्होंने कहा कि ओलंपिक या किसी भी अन्य बड़े टूर्नामेंट की तैयारी के लिए खिलाड़ियों को देश से बाहर ना भेजा जाए। दूसरे कारण में महावीर फोगाट का कहना है कि साईं जैसे केंद्रों पर ही एक अच्छे माहौल में खिलाड़ियों का अभ्यास कराया जाए तथा पहलवानों के लिए किसी भी विदेशी कोच की नियुक्ति ना की जाए।
अंत में उन्होंने कहा कि यदि पदक लाने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी अभ्यास में अनुशासनहीनता करते हैं तो ऐसे खिलाड़ियों को तुरंत बाहर का रास्ता दिखाया जाए तथा उसकी जगह पर उसी वेट केटेगरी के अन्य खिलाड़ी को तैयार किया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि यह तभी संभव हो सकता है जब उसकी जवाबदेही तय हो।
टोक्यो खेलों क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हुई विनेश फोगाट को अनुशासनहीनता के आरोप में जारी नोटिस का जवाब देने के लिए 16 अगस्त तक का समय दिया गया है। विनेश पर अनुशासनहीनता के तीन आरोप लगाए गए है। कोच वोलेर एकोस के साथ हंगरी में ट्रेनिंग कर रही विनेश फोगाट वहां से सीधे टोक्यो में पहुंची थीं, जहां उसने गांव में रहने वाले एवं भारतीय टीम के अन्य सदस्यों के साथ ट्रेनिंग करने से इंकार कर दिया।
इसके अलावा विनेश ने भारतीय दल के आधिकारिक प्रायोजक शिव नरेश की पोशाक पहनने से भी साफ इंकार कर दिया तथा वहां उने अपने मुकाबलों के दौरान नाइकी की पोशाक पहनीं। टोक्यो में मौजूद अधिकारियों ने पीटीआई को बताया की जब विनेश को भारतीय टीम की उनकी साथियों सोनम, अंशु मलिक और सीमा बिस्ला के करीब कमरा उपलब्ध कराया गया तो विनेश ने हंगामा कर दिया और कहा कि वह कोरोना से संक्रमित हो सकती है, क्योंकि ये पहलवान टोक्यो भारत से आई हैं।
अधिकारी ने बताया की विनेश ने किसी भी भारतीय पहलवान के साथ ट्रेनिंग नहीं की, जैसे वह हंगरी की टीम के साथ ही आई हों। उन्होंने बताया कि एक दिन जब उनकी ट्रेनिंग का समय भारतीय लड़कियों के समय से टकराया तो उन्होंने उनके साथ एक ही जगह ट्रेनिंग न करने का फैसला किया। अधिकारी ने कहा कि सीनियर खिलाड़ियों के साथ स्तर खिलाड़ी का इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है, यह अनुशानहीनता है।
वहीं, 19 साल की सोनम मालिक को भी दुर्व्यवहार के लिए नोटिस जारी किया गया है। अधिकारी ने बताया कि टोक्यो रवाना होने से पहले उसे या उसके परिवार को डब्ल्यूएफआई कार्यालय से पासपोर्ट लेना था लेकिन सोनम ने साई अधिकारियों को पासपोर्ट लेने के लिए भेजा, जोकि स्वीकार्य नहीं है। अधिकारी ने कहा कि इन बच्चों को लगता है कि वे स्टार पहलवान बन गए हैं और वे कुछ भी कर सकते हैं, जबकि ऐसा नहीं है।