आपको हमेशा एक आदर्श इंसान बनना चाहिए। आपके नेक कामों से लोग शिक्षा ले सके ऐसा काम समाज में आपको करना चाहिए। दुनिया में ऐसे कई शासक हुए हैं, जो अपनी क्रूरता के लिए जाने जाते हैं। कई शासकों ने तो अपने फायदे के लिए लोगों की लाशें तक बिछवा दी। कुछ शासक तो महज शौक के लिए लोगों की हत्या तक करवा देते थे। आज हम आपको जिस शख्स के बारे में बताने जा रहा हैं उसने तो महज एक रात में सात हजार लोगों की हत्या करवा दी थी।
वो रात आज भी लोग नहीं भूल पाए हैं। वो मंजर याद आते ही रोंगटे खड़े होने लगते हैं। इस शख्स को बंग्लादेशा का ‘कसाई’ भी कहा जाता है। आलम ये है कि जिस वक्त इस ने लोगों की हत्याएं करवाई थी उसके बारे में सुनकर उस समय के लोग आज भी कांप जाते हैं।
उन यादों को लोग भुलाना तो चाहते हैं लेकिन भूल नहीं पाते। उनको वह मंजर याद आ ही जाते हैं। इतिहास के पन्नों में आपने चंगेज खान, हलाकू और तैमूरलंग जैसे कई खूनी लोगों के बारे में पढ़ा होगा, जिन्होंने हजारों-लाखों लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। लेकिन इस शख्स का नाम था टिक्का खान। टिक्का खान मूलरूप से रावलपिंडी का रहने वाला था। 1935 में वह ब्रिटिश भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। 1940 में वह कमीशंड ऑफिसर बन गया था। बंटवारे के बाद टिक्का खान पाकिस्तान चल गया था। वहां, उसकी पदोन्नति हो गई और वह मेजर बन गया।
उस रात उसने इतनी बर्बरता की कि उस दौर के लोग आज भी उसका नाम सुनकर ही सिहर उठते हैं। साल 1965 में जब भारत-पाकिस्तान के बीच लड़ाई हुई थी तो उसने उसमें हिस्सा लिया था। साल 1969 में जब पूर्वी पाकिस्तान को अलग देश बनाने की मांग उठी तो तत्कालीन राष्ट्रपति याह्या खाना ने टिक्का को वहां भेज दिया। इस ऑपरेशन का नाम ‘सर्चलाइट’ दिया गया था। टिक्का खान के आदेश पर पाकिस्तानी सैनिकों ने हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिए। ढाका में एक ही रात में सात हजार लोगों को मरवा दिए थे। इनमें बच्चे, बूढ़े , महिलाएं सब शामिल थे।
टिक्का खान पाकिस्तानी सेना का 4-स्टार जनरल था और पाकिस्तान का पहला थल सेनाध्यक्ष भी था। 1971 के नौ महीने में बांग्लादेश में तकरीबन दो लाख लड़कियों और औरतों के साथ दुष्कर्म किए गए।