फरीदाबाद की मार्केट में आए ये डिजिटल राखी, कोड स्कैन करते ही बजता हैं- बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है

0
275

विज्ञान की तरक्की के साथ हर चीज का तकनीकी विकास हो रहा है। इस तकनीकी समाज में अब हर कार्य डिजिटल तरीके से हो रहा है। समय के साथ-साथ हर चीज डिजिटल होती जा रही है। यह डिजिटलाइजेशन भाई बहन के त्यौहार रक्षाबंधन पर भी देखने को मिल रहा है। तकनीक के चलते अब रक्षाबंधन भी डिजिटल हो गया है।

फरीदाबाद की मार्केट में आए ये डिजिटल राखी, कोड स्कैन करते ही बजता हैं- बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है

बाजार में डिजिटल राखियां भी अब आ गई हैं। भाई की कलाई पर जब डिजिटल राखी बांधी जाएगी तब गूगल कैमरे से राखी पर दिए गए क्यूआर कोड को मोबाइल फोन पर स्कैन किया जाएगा, तो उसी वक्त भाई-बहन के प्यार से जुड़े गीतों की वीडियो सुनने और देखने को मिलेगा।

फरीदाबाद की मार्केट में आए ये डिजिटल राखी, कोड स्कैन करते ही बजता हैं- बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है

यहां के पांच नंबर एम ब्लाक निवासी तथा साईं राखी निर्माता अजय खरबंदा ने कुछ ऐसी ही राखियां तैयार की हैं। महामारी की वजह से बहुत सी बहनें दूसरे शहरों में अपने भाइयों के घर नहीं जा पा रही हैं। ऐसी बहनें अपने भाइयों के घर भेजने के लिए डिजिटल राखियां खरीद रही हैं। इन डिजिटल राखियों की कीमत 150 से 450 रुपये तक है।

राखी निर्माता अजय खरबंदा ने बताया कि वह कई वर्षों से राखी बनाने के काम से जुड़े हुए हैं। इस वर्ष उन्होंने रक्षाबंधन पर कुछ नया करने का सोचा था। अजय ने बताया कि बच्चों के लिए उन्होंने अलग से कार्टून करेक्टर वाली डिजिटल राखियां भी तैयार की हैं।

फरीदाबाद की मार्केट में आए ये डिजिटल राखी, कोड स्कैन करते ही बजता हैं- बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है

इसकी कीमत 75 से 200 रुपये है। क्यूआर कोड को स्कैन करने पर एक तरफ गाना सुनाई देगा तो वहीं दूसरी तरफ उसकी वीडियो भी दिखाई देगी और यह वीडियो तब तक चलेगी जब तक की पूरी तरह से खत्म नहीं होती या फिर फोन को बंद ना कर दें।

फरीदाबाद की मार्केट में आए ये डिजिटल राखी, कोड स्कैन करते ही बजता हैं- बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है

राखी निर्माता अजय खरबंदा ने बताया कि आज हम डिजिटल युग में हैं और हमारे पास हर वो उपकरण मौजूद है जिसकी सहायता से हम किसी के दूर होने पर भी उससे बात कर सकते हैं। उसके पास होने का एहसास होता है तो इसी एहसास को देखते हुए इन राखियों को बनाया गया है ताकि जो बहनें अपने भाइयों के पास नहीं जा सकती, उनका प्यार भरा संदेश जरूर उनके भाइयों तक राखी के साथ पहुंच जाए।