पुलिसवालों को अक्सर उनके सख्त रवैये या फिर भ्रष्ट आचरण के लिए ही जाना जाता है। पुलिस के इस रवैये से हर कोई परेशान रहता है। लेकिन हर पुलिसवाला एक जैसा नहीं होता और न ही हर कोई रिश्वत लेता है। कई बार ड्यूटी से आगे बढ़कर पुलिसवाले आम जनता की मदद करते हैं और इसके कई उदाहरण हमारे सामने हैं। नागपुर के एक पुलिसवाले ने भी ऐसा ही कुछ किया।
जानकारी के अनुसार, सीताबुल्दी ट्रैफिक जोन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर अजय मालविय अपने कड़े रवैया और अनुशासन बद्धता के लिए जाने जाते हैं। ट्रैफिक पुलिस ने एक ऑटोरिक्शा चालक, रोहित खड़से को ट्रैफिक के नियम तोड़ने पर 2000 का जुर्माना लगाया।
साथ ही रोहित का ऑटो भी पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया। रोहित ऑटोरिक्शा चलाकर ही अपने परिवार का भरण पोषण करता था। उसके पास आय का कोई दूसरा साधन नहीं था। चालान भरने के लिए रोहित अपने बेटे का गुल्लक और उसमें जमा किए सिक्के ले आया। रोहित ने इंस्पेक्टर मालविय से ऑटो लौटाने की प्रार्थना की।
स्ट्रिक्ट कॉप मालविय से यह देखा नहीं गया और उन्होंने रोहित का चालान भर दिया। उन्होंने रोहित को जाने दिया वो उसे हिदायत दी कि वह आगे से ट्रैफिक नियम न तोड़े। नागपुर पुलिस ने ये कहानी ट्विटर पर साझा की। रोहित और उसके परिवार के साथ अजय मालविय की फोटो भी शेयर की।
म्हणाला. तेंव्हा वाहतूक विभागाचे वपोनी अजयकुमार मालवीय यांनी त्याचा चालानचा दंड स्वतः भरून त्याच्या लहान मुलाचे गुल्लक मधून काढलेले संपूर्ण पैसे परत केले.सदरचे कुटुंब साश्रुनयनांनी ऑटो सह घरी आनंदात गेले.(2/2) pic.twitter.com/iz2LB2oo0j
— Nagpur City Police (@NagpurPolice) August 13, 2021
बीते 8 अगस्त को ट्रैफिक पुलिस ने रोहित का चालान काटा था क्योंकि उसने नो-पार्किंग जोन में ऑटो लगाया था। रोहित के नाम कई अवैतनिक चालान होने के कारण ट्रैफिक पुलिस ने उसका ऑटो अपने कब्जे में ले लिया।
इंस्पेक्टर अजय मालविय ने बताया कि महामारी और लॉकडाउन की वजह से रोहित पर पहले से ही कर्जे में डूबा हुआ था। उसके पास कोई सेविंग्स भी नहीं थी। जिससे वह इन कर्जों को चुका पाए। घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए रोहित के बेटे ने जुर्माना भरने की बात कही। अजय मालविय जैसे पुलिसवाले लोगों के दिलों में यह उम्मीद जगाते हैं कि पुलिसवालों के हाथ में केवल डंडा नहीं बल्कि सीने में भी दिल होता है।