उपायुक्त जितेंद्र यादव ने कहा कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार शैक्षणिक संस्थानों में टीचिंग एवं नॉन टीचिंग स्टाफ को टीकाकरण जरूरी है। उपायुक्त ने इस संबंध में सरकारी और निजी स्कूलों में लॉकडाउन दिशानिर्देशों में छूट, महामारी के वायरस के संपर्क में आने की संभावनाएं हैं।
साथ ही आगामी महामारी के संक्रमण की तीसरी तरंग में बच्चों के अधिक जोखिम में होने का संदेह है। आज तक बच्चों के लिए वैक्सीन अभी भी ट्रायल मोड में है। साथ ही स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय अब खुल रहे हैं। चरणबद्ध तरीके से और निकट भविष्य में इन सभी संस्थानों को पूर्ण रूप से खोलना अपरिहार्य है।
इस प्रकार, परिदृश्य को देखते हुए, शिक्षण का पूर्ण टीकाकरण और बच्चों की सुरक्षा के लिए सहायक स्टाफ सहित शिक्षण स्टाफ प्राथमिकता बन जाता है।वायरस के किसी भी प्रकार के संपर्क में आने से पूर्व शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने का अनुरोध किया जाता है।
माध्यमिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा और सभी शिक्षण का टीकाकरण और निजी और सरकारी दोनों संस्थानों सहित गैर-शिक्षण कर्मचारियों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर विशेष शिविरों का आयोजन कर वैक्शीनेशन का कार्य पूरा करें।
आपको बता दें सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार जिला सिविल सर्जन डाँ विनय गुप्ता द्वारा उपायुक्त जितेंद्र यादव के मार्गदर्शन में प्राथमिकता के आधार पर शत-प्रतिशत टीकाकरण पूरा करें, मोबाइल टीमों को कवर करने के लिए उपयोग करें।
कम से कम 4-6 स्कूल/दिन यह सुनिश्चित करें कि सुचारू रूप से कोविड- 19 टीकाकरण के संबंध में सभी दिशानिर्देशों की पालना की जा सके। जिला शिक्षा अधिकारी ऋतु चौधरी ने बताया कि जिला में महामारी वैश्विक महामारी के कारण पिछले महीनों से बंद पड़े स्कूलों को सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार गत 16 जुलाई से 9वी से 12वी कक्षा के स्कूल खोले गए थे।
जबकि छटी से नौवीं कक्षाओं के गत 23 जुलाई से स्कूल खोले गए थे। जिला शिक्षा अधिकारी ने जिला के सभी स्कूलों के शिक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी वैक्सीन लगवाने की रिपोर्ट अवसर एप पर भरें। जिन शिक्षकों को अभी वैक्सीन नहीं लगी है उनके लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने सीएचसी/स्कूल स्तर पर वेक्सीनेशन की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी ऋतु चौधरी ने बताया कि वे स्वयं के निर्देशन में जिला की सभी सीआरसी के साथ कुल आठ टीमें बनाई हुई हैं, जो नियमित रूप से अपने अपने सीआरसी के स्कूलों की मॉनिटरिंग करके जो भी कमियां होती हैं उनका निराकरण करवा रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें आवश्यक सुझाव देते हुए कार्यालय को रिपोर्ट करने को कहा गया है।
इसलिए जिला में बच्चों की पढ़ाई के लिए विभाग हर संभव प्रयास कर रहा है और सभी अध्यापक भी ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे है। जिसके अंदर सबसे ज्यादा सहारा बच्चों को अवसर ऐप से मिल रहा है। इस एप में हर रोज बच्चों के नए नए कंटेंट मिलते है।
जिसे देखकर बच्चे अपनी पढ़ाई कर रहे है। अवसर ऐप के माध्यम से बच्चों के पास अध्यापकों के द्वारा बनाई गए वीडियो और ऑडियो ट्यूटोरियल भी देखने व सुनने को मिल जाते है। खण्ड शिक्षा अधिकारी बलबीर कौर ने बताया कि अध्यापक गूगल मीट ऐप meet app की सहायता से भी बच्चों की डाउट क्लास ले रहे है।
जिसमे बच्चा सीधे ही अपनी समस्या को अपने अध्यापक के सामने रख सकता है और उनका समाधान भी टीचर्स वीडियो कॉल के माध्यम से ही करते है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के अनुसार यह निर्णय विभाग द्वारा लिया गया है।